Where did the sparrows Bird go मुझे याद है कि सुबह सुबह उठकर जब नन्हीं गौरैया जिसे हम घरेलू चिड़िया के नाम से भी जानते है दाना खाने आती थी, तो मुझे बड़े आनंद की अनुभूति होती थी ऐसा लगता था कि कोई बच्चा मेरे सामने खेल रहा हो । हम लोग बचपन में सुबह उठकर सबसे पहले चिड़ियों को दाना और पानी देते थे इसके बाद ही दूसरा काम करते थे मेरे घर के आँगन में चिड़ियों के पांच से छह घोंसले हुआ करते थे हम लोग उन्हें डेली…
Read MoreMonth: November 2017
आत्महत्या एक सामाजिक प्रक्रिया का परिणाम है
Suicide The Result of a Social Process अक्सर न्यूज़ पेपर की Headlines में पड़ते है या फिर टीवी पर न्यूज़ में यह सुनते है कि आई आई टी के रिजल्ट से हताश एक लड़की ने फांसी लगाकर अपनी जान दी या फिर मेडिकल में दाखिला न मिल सकने के कारण खुद को जहर के हवाले किया अठारह वर्षीय लड़के ने । क्या कहेंगे आप ऐसी घटनाओ के बारे में शायद कुछ भी नहीं । एक मौन छा जाता है पूरे आलोक में । आंखे फटी की फटी रह जाती…
Read Moreछात्रों के लिए प्रेरक विचार । Motivational Tips for Students in hindi
Three Important Points for Students 1 – जीवन चमत्कार का दूसरा नाम है विफलता से क्यों घबराना, आज कि युवा पीढ़ी को यह समझने कि जरूरत है कि हम जिन महान वैज्ञानिको के बारे में पढ़ते आ रहे है, हमें उनके जीवन से सिर्फ फिजिक्स और केमिस्ट्री के फार्मूले नहीं सीखने, बल्कि यह भी जानना है कि हर फिजिक्स के पीछे एक मेटाफिजिक्स काम कर रही है और मेटाफिजिक्स का नाम है जीवन । जीवन चमत्कारों का दूसरा नाम है । हमने कोई लक्ष्य तय किया और हम उसमे…
Read Moreमाता-पिता के लिए तीन महत्वपूर्ण बिंदु
Three Important Points for Parents [PART-1] १ – स्कूली कक्षा से ज्यादा जरुरी है जीवन की कक्षा इस युग के अभिभावकों को ये समझना बहुत जरुरी है की बच्चो के लिए स्कूली कक्षा से कही ज्यादा जरुरी है जीवन रूपी कक्षा में उपस्थित होना । रोजगार के लिए जितनी शिक्षा की जरुरत है, उतना हर बच्चा अपने सामर्थ्य के अनुसार प्राप्त करता ही है पर जब जीवन रूपी इम्तिहान सामने आते है तो ये बच्चे फेल हो जाते है । इसका कारण यही है कि हमारे बच्चो कि परवरिश…
Read Moreनैतिक कहानी । राजू ने समझी माँ के त्याग की कीमत
A Moral Story in hindi एक शहर में राजू का सबसे खास दोस्त विनोद था । विनोद थोड़ा अमीर था और उसे जेब खर्च के रूप में काफी पैसे मिलते थे । राजू की माँ एक फैक्ट्री में काम करती थी और उसी की कमाई से उनका घर चलता था । ऐसे में राजू को सीमित जेब खर्च ही मिल पता था । वह अक्सर अपनी माँ से शिकायत करता , ‘माँ मुझे भी दूसरे बच्चो की तरह खिलोने चाहिए । आप मुझे पैसे क्यों नहीं देती ?’ राजू…
Read MoreMotivational Stories in hindi for success
(1) पारंगत होने का एक ही उपाय है -लक्ष्य में तन्मय हो जाना एक लोहार बढ़िया बाण बनाने के लिए प्रसिद्ध था । अपनी प्रवीणता में उसे ख्याति प्राप्त थी । एक दूसरा लोहार बालक वैसे ही बाण बनाने की विद्या सीखने के लिए उनके पास पहुँचा । कुछ दिन रहा भी । एक दिन धूमधाम से बारात सामने निकल रही थी । बाजे बज रहे थे । लोहार ने अपनी तन्मयता में तनिक भी अंतर न आने दिया । पर वह सीखने वाला लड़का बारात देखने चला गया ।…
Read Moreमंत्र जप करने का सही समय क्रम
जानें, मंत्र जप की गणना कैसे करें जप की सामान्य गड़ना के अनुसार एक समय सरणी तैयार की गई है । मंत्र जप करते समय हम इस सरणी से के अनुसार हम यह ज्ञात कर सकते है कि हमारी निर्धारित जप संख्या कितने समय में पूरी कर सकते है । इस लिए यह जप का समय क्रम साधक लिए बहुत उपयोगी है । बैखरी, उपांशु, मानसिक तीनो प्रकार का जप निम्न प्रकार निर्धरित किया गया है । जप का समय क्रम संख्या मंत्र प्रति मिनट की गति जप की संख्या…
Read Moreअजामिल : नरक के भागी अजामिल को कैसे मिला मोक्ष
अजामिल एक ब्राह्मण का पुत्र था । वह बड़ा कर्तव्यपरायण, पुण्यात्मा, विनयशील, सत्यवादी और वैदिक क्रियाकलापों को नियमपूर्वक नित्य करता था । एक दिन पिता की आज्ञानुसार वह पूजन के लिए फल, फूल, समिधा और कुश लाने जंगल में गया । लौटते समय दस्यु कन्या के साथ उसे रास्ते में एक शूद्र मिला । बहुत रोकने पर भी अजामिल दस्यु काम्य पर मोहित हो गया । उस दस्यु कन्या को पानी के लिए उसने अपनी सारी पैतृक संपत्ति खर्च कर डाली और अंत में अपनी विवाहित स्त्री को छोड़ कर…
Read Moreभक्त ध्रुव की ध्रुव तारा बनने की पौराणिक कथा
भक्त ध्रुव की पौराणिक कथा राजर्षि मनु के पुत्र उत्तानपाद की दो स्त्रियाँ थी, सुरुचि और सुनीति । सुरुचि के पुत्र का नाम उत्तम था और सुनीति के पुत्र का नाम ध्रुव । एक दिन उत्तम अपने पिता उत्तानपाद की गोद में बैठे थे । इतने में ध्रुव भी पिता के पास आये और उनकी गोद में बैठना चाहा । उत्तम की माता सुरुचि के डर से उत्तानपाद ने ध्रुव को गोद में उठाने के लिए हाथ तक न बढ़ाया और सुरुचि ने तो ध्रुव को ताना मारा ।…
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