पंख फड़फड़ाती कहाँ गई नन्हीं गौरैया

Where did the sparrows Bird go मुझे याद है कि सुबह सुबह उठकर जब नन्हीं गौरैया जिसे हम घरेलू चिड़िया के नाम से भी जानते है दाना खाने आती थी, तो मुझे बड़े आनंद की अनुभूति होती थी ऐसा लगता था कि कोई बच्चा मेरे सामने खेल रहा हो । हम लोग बचपन में सुबह उठकर सबसे पहले चिड़ियों को दाना और पानी देते थे इसके बाद ही दूसरा काम करते थे मेरे घर के आँगन में चिड़ियों के पांच से छह घोंसले हुआ करते थे हम लोग उन्हें डेली…

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आत्महत्या एक सामाजिक प्रक्रिया का परिणाम है

आत्महत्या एक सामाजिक प्रक्रिया का परिणाम है

Suicide The Result of a Social Process   अक्सर न्यूज़ पेपर की Headlines में पड़ते है या फिर टीवी पर न्यूज़ में यह सुनते है कि आई आई टी के रिजल्ट से हताश एक लड़की ने फांसी लगाकर अपनी जान दी या फिर मेडिकल में दाखिला न मिल सकने के कारण खुद को जहर के हवाले किया अठारह वर्षीय लड़के ने । क्या कहेंगे आप ऐसी घटनाओ के बारे में शायद कुछ भी नहीं । एक मौन छा जाता है पूरे आलोक में । आंखे फटी की फटी रह जाती…

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छात्रों के लिए प्रेरक विचार । Motivational Tips for Students in hindi

Motivational Tips for Students in hindi

Three Important Points for Students   1 – जीवन चमत्कार का दूसरा नाम है विफलता से क्यों घबराना, आज कि युवा पीढ़ी को यह समझने कि जरूरत है कि हम जिन महान वैज्ञानिको के बारे में पढ़ते आ रहे है, हमें उनके जीवन से सिर्फ फिजिक्स और केमिस्ट्री के फार्मूले नहीं सीखने, बल्कि यह भी जानना है कि हर फिजिक्स के पीछे एक मेटाफिजिक्स काम कर रही है और मेटाफिजिक्स का नाम है जीवन । जीवन चमत्कारों का दूसरा नाम है । हमने कोई लक्ष्य तय किया और हम उसमे…

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माता-पिता के लिए तीन महत्वपूर्ण बिंदु

Three Important Points for Parents [PART-1]   १ – स्कूली कक्षा से ज्यादा जरुरी है जीवन की कक्षा इस युग के अभिभावकों को ये समझना बहुत जरुरी है की बच्चो के लिए स्कूली कक्षा से कही ज्यादा जरुरी है जीवन रूपी कक्षा में उपस्थित होना । रोजगार के लिए जितनी शिक्षा की जरुरत है, उतना हर बच्चा अपने सामर्थ्य के अनुसार प्राप्त करता ही है पर जब जीवन रूपी इम्तिहान सामने आते है तो ये बच्चे फेल हो जाते है । इसका कारण यही है कि हमारे बच्चो कि परवरिश…

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नैतिक कहानी । राजू ने समझी माँ के त्याग की कीमत

Moral Story in hindi

A Moral Story in hindi   एक शहर में राजू का सबसे खास दोस्त विनोद था । विनोद थोड़ा अमीर था और उसे जेब खर्च के रूप में काफी पैसे मिलते थे । राजू की माँ एक फैक्ट्री में काम करती थी और उसी की कमाई से उनका घर चलता था । ऐसे में राजू को सीमित जेब खर्च ही मिल पता था । वह अक्सर अपनी माँ से शिकायत करता , ‘माँ मुझे भी दूसरे बच्चो की तरह खिलोने चाहिए । आप मुझे पैसे क्यों नहीं देती ?’ राजू…

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Motivational Stories in hindi for success

Motivational Stories in hindi for success

(1) पारंगत होने का एक ही उपाय है -लक्ष्य में तन्मय हो जाना एक लोहार बढ़िया बाण बनाने के लिए प्रसिद्ध था । अपनी प्रवीणता में उसे ख्याति प्राप्त थी । एक दूसरा लोहार बालक वैसे ही बाण बनाने की विद्या सीखने के लिए उनके पास पहुँचा । कुछ दिन रहा भी । एक दिन धूमधाम से बारात सामने निकल रही थी । बाजे बज रहे थे । लोहार ने अपनी तन्मयता में तनिक भी अंतर न आने दिया । पर वह सीखने वाला लड़का बारात देखने चला गया ।…

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मंत्र जप करने का सही समय क्रम

मंत्र जप करने का सही समय क्रम

जानें, मंत्र जप की गणना कैसे करें जप की सामान्य गड़ना के अनुसार एक समय सरणी तैयार की गई है । मंत्र जप करते समय हम इस सरणी से के अनुसार हम यह ज्ञात कर सकते है कि हमारी निर्धारित जप संख्या कितने समय में पूरी कर सकते है । इस लिए यह जप का समय क्रम साधक लिए बहुत उपयोगी है । बैखरी, उपांशु, मानसिक तीनो प्रकार का जप निम्न प्रकार निर्धरित किया गया है । जप का समय क्रम संख्या मंत्र प्रति मिनट की गति जप की संख्या…

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अजामिल : नरक के भागी अजामिल को कैसे मिला मोक्ष

अजामिल : नरक के भागी अजामिल को कैसे मिला मोक्ष

अजामिल एक ब्राह्मण का पुत्र था । वह बड़ा कर्तव्यपरायण, पुण्यात्मा, विनयशील, सत्यवादी और वैदिक क्रियाकलापों को नियमपूर्वक नित्य करता था । एक दिन पिता की आज्ञानुसार वह पूजन के लिए फल, फूल, समिधा और कुश लाने जंगल में गया । लौटते समय दस्यु कन्या के साथ उसे रास्ते में एक शूद्र मिला । बहुत रोकने पर भी अजामिल दस्यु काम्य पर मोहित हो गया । उस दस्यु कन्या को पानी के लिए उसने अपनी सारी पैतृक संपत्ति खर्च कर डाली और अंत में अपनी विवाहित स्त्री को छोड़ कर…

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भक्त ध्रुव की ध्रुव तारा बनने की पौराणिक कथा

bhakt dhruv story

भक्त ध्रुव की पौराणिक कथा   राजर्षि मनु के पुत्र उत्तानपाद की दो स्त्रियाँ थी, सुरुचि और सुनीति । सुरुचि के पुत्र का नाम उत्तम था और सुनीति के पुत्र का नाम ध्रुव । एक दिन उत्तम अपने पिता उत्तानपाद की गोद में बैठे थे । इतने में ध्रुव भी पिता के पास आये और उनकी गोद में बैठना चाहा । उत्तम की माता सुरुचि के डर से उत्तानपाद ने ध्रुव को गोद में उठाने के लिए हाथ तक न बढ़ाया और सुरुचि ने तो ध्रुव को ताना मारा ।…

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