दृष्टांत कथाएं । Drishtant Katha in hindi

Drishtant Katha in hindi

दृष्टांत कथा- ये दरवाजा भी बंद हो जाए तो  संत फरीद के पास एक धनी व्यक्ति आया और अपना आलीशान महल दिखाने की जिद करने लगा । संत फरीद उसके आग्रह को टाल न सके । संत फरीद ने महल देखा और अकस्मात हंसने लगे । उस धनी व्यक्ति से रहा नहीं गया । उसने तुरंत संत फरीद को समझाते हुए कहा, ‘शायद आपको पता नहीं हैं, सुरक्षा की दृष्टि से यह महल अद्वितीय है । मैंने सारे दरवाजे बंद करके सिर्फ एक ही दरवाजा महल में रहने दिया है,…

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3 Short Moral Stories in Hindi

नैतिक कहानियां । Moral Stories in hindi

नैतिक कहानी: मैं किसान का बेटा हूं, वह पीएम का ——*—— इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ग्लैडस्टन एक किसान के पुत्र थे । वह अत्यंत सादा जीवन व्यतीत करते थे । वह अपने कपड़े भी खुद ही साफ करते थे । एक बार वे रेल में सफर कर रहे थे । एक स्टेशन पर एक अखबार का संपादक उनसे मिलने आया । उसका ख्याल था कि प्रधानमंत्री अवश्य ही प्रथम श्रेणी के डब्बे में होंगे । इसलिए उसने प्रथम श्रेणी के तीन डिब्बों में उनकी खोज की, पर वे नहीं मिले ।…

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नैतिक कहानी: दूसरों पर दया करो फल जरूर मिलेगा

naitik kahani in hindi

किसी गांव में एक जमीदार रहता था । उसके पास सैकड़ों बीघा जमीन थी । घर में सारे सुख के साधन थे । नौकर हमेशा मालिक की सेवा में लगे रहते थे । गांव के निकट ही एक मंदिर था, जहां एक भिखारी बैठा रहता था । वह भिखारी दो दिन से भूखा था । किसी ने उसे खाना नहीं दिया था । एक दिन जमीदार अपने नौकरों के साथ वहां से गुजर रहे थे कि उनकी नजर उस भिखारी पर पड़ी । जमीदार को देखते ही भिखारी बोला- ‘मालिक…

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नैतिक कहानी: सब कुछ दान किया फिर भी

एक बार एक लड़का मंदिर के पास बैठा रो रहा था, तभी एक सेठ अपने परिवार सहित उस मंदिर में पूजा करने आए । छोटे बच्चे को रोता देख उन्होंने उससे पूछा, ‘बेटा तुम क्यों रो रहे हो ।’ लड़के ने कहा मैं अनाथ हूं । मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है ?’ बच्चे को रोता देख सेठ को दया आ गई और वे उसे अपने घर लेकर चले गए । सेठ दंपत्ति उस अनाथ बच्चे को अपने बेटे की तरह परवरिश देने लगे । जब वह थोड़ा बड़ा…

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आध्यात्मिक कहानी । यह दौलत किस काम की

adhyatmik kahani in hindi

एक संत थे जो घूम घूम कर लोगों को श्रीमद् भागवत और राम कथा सुनाया करते थे । एक कथा सुनाने के लिए एक लाख रूपया लेते थे । एक रोज संत के पास एक भगवान का भक्त आया और संत से बोला मैं अपने गांव में अपने लोगों को आप के मुख से राम कथा सुनवाना चाहता हूं । मगर मेरे पास देने को फूटी कौड़ी नहीं है । क्या आप हमारे गांव वालों को मुफ्त में कथा सुनाने को चलेंगे । संत मुफ्त में कथा सुनाने के लिए…

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सेहत की संजीवनी ब्रह्म मुहूर्त

Sun rise

ब्रह्म मुहूर्त में उठने के फायदे   प्रातः 4:00 बजे से 5:30 बजे तक के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं । ब्रह्म मुहूर्त का नाम ‘ब्रह्म’ शब्द से पड़ा है, जिसका अर्थ शास्त्रों में ज्ञान की देवी सरस्वती बताया गया है । यह समय वेद अध्ययन, योगाभ्यास और ध्यान आदि आध्यात्मिक क्रियाओं के लिए विशेष उपयोगी है । वेदों में कहा गया है की इस बेला में जगने वाले व्यक्ति के पास शारीरिक और मानसिक रोग नहीं भटकते । ऐसा व्यक्ति तेज युक्त होता है । ऐसे लोगों की…

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Adhyatmik drishtant : जिंदिगी एक नाटक है

raja harishchandra

राजा हरिश्चंद्र ने जब अपना राज्य विश्वामित्र को दान दे दिया तब राजा हरिश्चंद्र की रानी तारा कहने लगी राजन हमने तो राज्य का पूरा सुख लिया ही नहीं और आपने दान कर दिया । तब राजा ने कहा हे रानी! जब राज हमारे पास था हम राज्य का नाटक करते रहें । यह राज्य पहले ही हमारा नहीं था और आगे भी हमारा नहीं रहेगा । हम राज्य का दान करके हम सब चिंताओं से मुक्त हो गए हैं । जितना समय हमने राज्य करना था वह पूरा हो…

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असली बादशाह कौन है ? { आध्यात्मिक कहानी 6 }

आध्यात्मिक कहानी

एक लड़का पृथ्वी पर लेटा हुआ था और उधर बादशाही की सवारी आ रही थी । तब वजीर ने कहा बच्चे एक तरफ हट जा । बादशाह की सवारी को आगे जाने दे । तब बच्चे ने कहा कौन बादशाह कैसा बादशाह । अरे उस बादशाही में भय का डेरा लगा हुआ है जो बचपन कुमार, जवानी अशांत रहने वाला कैसे बादशाह हो सकता है । बच्चे ने कहा बादशाह तो मैं हूं । वह तो जन्मने मरने वाला ताश का बादशाह है । आज बादशाही इसके पास है कल…

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एक राजा के आत्मज्ञान की कहानी { आध्यात्मिक कहानी 5 }

एक राजा के आत्मज्ञान की कहानी - आध्यात्मिक कहानी

में अजर अमर अविनाशी ज्ञान की अमिट रोशनी हूँ । मेरे ज्ञान की रोशनी सदा एकरस रहती हुई संसार को प्रकाशवान करती है एक राजा जंगल में घर का रास्ता भूल गया । सामने देखा एक तालाब था । उस तालाब के किनारे एक महात्मा तपस्या कर रहे थे । राजा ने सोचा मैं पहले तालाब में स्नान करके शरीर को पवित्र कर लूं फिर महात्मा के पास जाकर ज्ञान ध्यान की बातें सुनू । राजा ने कपड़े उतारकर जब तालाब में गोता लगाया तो उसे ऐसा मालूम हुआ कि…

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गुरु ने सिखाया राजा को अंतरात्मा का ज्ञान { आध्यात्मिक कहानी 4 }

गुरु ने सिखाया राजा को अंतरात्मा का ज्ञान

प्रेरणाप्रद आध्यात्मिक दृष्टांत   एक राजा के पास राजा के गुरु आये । राजा ने बड़ा आदर सत्कार किया । एक बड़ी सर्वरा की थाली लेकर सुंदर रेशमी कपड़े और रेशमी जूता और धन थाली में डालकर गुरुदेव के सम्मुख रखा । तब गुरुदेव ने कहा राजन यह सामान किस के लिए है तब राजा ने कहा प्रभु यह आपके अर्पण हैं । तब गुरु ने मन ही मन सोचा हम संन्यासी हैं । हमारा इस सामान से क्या लेना-देना । चलो इस बदले राजा को कुछ विचार देना चाहिए…

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