आज का कल्पतरु नीम

मानव सदा से ही वनस्पतियों पर आश्रित रहा है। आज यदि वनस्पतियां न होती तो हमारा अस्तित्व ही न होता। भोजन, वस्त्र, काष्ठ और औषधियों के लिए हम वनस्पतियों के ऋणी हैं। इस संदर्भ में कुछ पेड़ों ने अपना विशिष्ट स्थान बना लिया है। इन पेड़ों को कल्पतरु या कल्पवृक्ष कहा जाने लगा है। कल्पतरु उस वृक्ष विशेष को कहते हैं, जो मुंहमांगी मुराद पूरी करने में सक्षम हो या अन्य शब्दों में कहें तो ऐसा वृक्ष कल्पतरु होता है, जिसमें कई गुण एक साथ हों। ऐसा ही एक सर्वगुण…

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