वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन व मंजन करने सम्बन्धी कुछ आवश्यक नियम

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सुबह उठने के बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके मंजन करने से आपके जीवन में सुकून आता है और सेहत ठीक रहती है

वास्तु शास्त्र हर आदमी को उसकी जिंदगी से जोड़ने की एक विधि है, जिसमें कई ऐसे उपाय य सावधानियों का जिक्र किया गया है, जिनसे उन्हें रोजमर्रा की मुश्किलों से लड़ने का बल मिलता है ।

सुबह उठने के बाद ब्रश करना एक आदत है । दातुन का मतलब दांत साफ करना होता है । पर क्या आपने कभी इस तरफ भी ध्यान दिया है कि दातुन करने की भी अपनी निश्चित दिशा होती है । किस दिशा में खड़े होकर दातुन करना चाहिए । या खाना खाते समय आपको किस दिशा में रखना चाहिए । किसी खास दिशा में मुख करके दातुन करने से क्या फायदे हैं, जैसी तमाम जिज्ञासाओं को वास्तुशास्त्र शांत करता है:

वास्तु शास्त्र के अनुसार मंजन या ब्रश करने संबंधी नियम

– वास्तु शास्त्र के अनुसार हमेशा पूर्व दिशा या उत्तर की ओर मुँह करके ब्रश या मंजन करना चाहिए । इससे आपको अच्छी सेहत, हिम्मत और सुखी जीवन मिलता है ।

– पर कभी भी पश्चिम दिशा या दक्षिण दिशा की ओर मुख करके ब्रश या मंजन नहीं करना चाहिए । अगर ईशान कोण (पूर्व -उत्तर) दिशा की ओर मुख करके ब्रश करें, तो यह अच्छा माना जाता है । दरअसल पूर्व दिशा की ओर मुख करके दातुन करने से हिम्मत, सुख और सेहत मिलती है ।

– पूर्व उत्तर दिशा की ओर मुख करके दातुन करने से हर तरह की कामयाबी हासिल होती है ।

– अगर आप दक्षिण दिशा की ओर मुख करके दातुन करते हैं, तो आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है ।

– वहीं पश्चिम की ओर मुख करके ब्रश करने से हमेशा हार मिलती रहेगी ।

वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन करने संबंधी नियम

– इसी तरह भोजन सदा पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके करना चाहिए । दक्षिण या पश्चिम की ओर मुख करके खाना नहीं खाना चाहिए । पूर्व की ओर मुख करके खाना खाने से आदमी की आयु बढ़ती है ।

– उत्तर की ओर मुख करके खाने से आयु के साथ- साथ धन की प्राप्ति भी होती है ।

– दक्षिण की और मुख करके खाने से उसके अंदर राक्षसी प्रभाव आजाता है ।

– पश्चिम की ओर मुख करके खाना खाने से आदमी बीमार हो जाता है ।

– जो व्यक्ति बिना पैर धोए, दक्षिण की तरफ मुख करके खाना खाता है, उसके खाने को वह नहीं, बल्कि राक्षस खाता है ।

– इसी तरह जो जूता पहन कर खाना खाता है वह भी राक्षसी भोजन जैसा ही है ।

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