शिवलिंग की करें विशेष पूजा

Shivling

शिवलिंग पूजा विधि

भगवान् शंकर की पूजा वैसे तो सरल मानी जाती है, पर जब बात उनके शिवलिंग स्वरुप की आती है, तो पूजन विधि पहले से ज्यादा अनुशासित और विधि-विधान पूर्ण होनी चाहिए इसलिए इनकी पूजा में खास सावधानिया भी बरतनी चाहिए

देवाधिदेव भगवान शंकर की पूजा करना अन्य सभी देवताओं के मुकाबले सरल माना जाता है । न तों कोई विशेष तैयारी और न ही लम्बा-चौड़ा अनुष्ठान । भक्त चाहे, तो केवल एक लोटा जल से इन्हे प्रसन्न कर सकते हैं । आमतौर पर घरों में शंकर भगवान की तस्वीर की ही पूजा की जाती है । पर कुछ लोग इनके लिंग रूप को भी पूजते हैं । पर शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग की पूजा उतनी सरल नहीं होती । शिवलिंग की पूजा में हर कदम पर मन्त्र और अन्य अनुष्ठान किये जाते हैं । मन्त्रों का शुद्ध उच्चारण और अन्यं पूजन सामग्रीओं की पूर्णता आवश्यक शर्त मानी जाती है । तभी भगवान संकर भक्तों पर कृपा बरसातें हैं ।

आइये जानते हैं घर में भगवान शंकर की पूजा की विधि :-

पूजन आरम्भ करने से पहले भक्त को अच्छी तरह स्नान करके साफ कपड़े धारण करने चाहिए । पूजा के लिए जाते समय “ॐ नमः शिवाय” मन्त्र का जप करें, तो इसे भक्ति भावना दृढ़ होती है और चित्त एकाग्र होता है । इसके बाद शिवलिंग के सम्मुख बैठ जाए और संख या घंटी बजाएं । यह पूजा की शुरुआत का द्योतक है । सबसे पहले शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें । इसके बाद पांच पवित्र नदियों का जल शिवलिंग पर अर्पित करें । पंचामृत के निर्माण में गंगाजल, शहद, गाने का रस, दही, दूध, घी, समुद्र का पानी, नारियल पानी या दूध, सुगन्धित तेल, गुलाब जल और दूसरे महत्व पूर्ण जल का मिश्रण होना चाहिए । आमतोर पर गाय के दूध को पूजा में सबसे उपयोगी माना जाता है । जब आप शिवलिंग पर जल अर्पित करें, तो “ॐ नमः शिवाय” मन्त्र का जप करते रहें । कई भक्त यह मन्त्र १०८ बार जपते हैं, तो कुछ इसे १००८ बार जपना श्रेयष्कर मानते हैं ।

पंचामृत अभिषेक के बाद शिवलिंग को संभव हो तो गंगाजल से साफ़ करें । इसके बाद इस पर चन्दन लगाएं । अब पुष्प चढ़ाएं । पानी और चन्दन का इस्तेमाल शिवलिंग को शांत रखने के लिए किया जाता है क्योंकि भगवान शिव हमेशा रौद्र रूप में ही होतें हैं । इसलिए अधिकांश मंदिरों में शिवलिंग पर लगातार जल टपकने की व्यवस्था की जाती है । इसके बाद भगवान को मिठाइयों, नारियल और फलों का नेवैद्य लगाएं । तत्पश्चात दीपक प्रज्ज्वलित करें और अगरबत्ती से शिव की आराधना करें । आरती के दौरान घंटी बजाएं और पूजा संपन्न करें । इसके बाद सफ़ेद राख मस्तक पर लगाएं और वितरित करें । अब प्रसाद वितरण करें । सोमवार को भगवान शिव की पूजा का विशेष दिन माना जाता है । इस दिन उपवास करना शुभ माना जाता है । विशेषकर जो भक्त सोमवार का व्रत रखतें हैं, उनके लिए सुबह और शाम को मंदिर में भगवान शिव का दर्शन करना जरुरी हो जाता है ।

उपवास के दौरान सफ़ेद वस्त्र पहने की परम्परा है । साथ ही शिवलिंग पर सफ़ेद पुष्प चढाने से भगवान की विशेष कृपा भी मिलती है । उपवास के दौरान सोमवार व्रत की कथा का श्रवण करने से भी लाभ होता है । भगवान शिव को बिल्व पत्र, भांग, धतूरा के फूल और फल भी अर्पित करने का नियम है ।

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