ग्रह दोष दूर करने के उपाय
औषधियों से केवल बीमारियां ठीक नहीं होती, बल्कि ग्रह दोषों का भी निवारण होता है । अगर स्नान के पानी ने औषधि का इस्तेमाल किया जाए तो बाधाएं दूर हो जाती हैं
ग्रहों की चाल यदि आपके अनुकूल नहीं है, तो आपके जीवन में कई बाधाएं आ सकती हैं । ऐसे में हम या तो भगवान की पूजन का विकल्प चुनते हैं या फिर हम रत्न या पत्थर धारण करते हैं । पर प्राचीन ग्रंथों के अनुसार ग्रहों का उपचार औषधि द्वारा किया जाए, तो यह न केवल सस्ता होगा, बल्कि त्वरित लाभ कारी और प्रभावशाली भी होगा ।
जिस तरह हम इष्ट आराधना, भगवान का भजन, सदग्रंथ का अवलोकन करके अपनी आत्मशक्ति को बढ़ाते हैं, उसी तरह औषधि के स्नान से प्रतिकूल ग्रहों को अनुकूल बनाया जा सकता है । इसलिए औषधि स्नान हमारे लिए समस्याओं के निवारण का महत्वपूर्ण विकल्प है । आइए जानते हैं विभिन्न ग्रहों के लिए कौन सी औषधि स्नान आवश्यक होगी:
ग्रह दोष समाप्त करने के उपाय
सूर्य
यदि सूर्य भगवान की कृपा पानी है और उनसे संबंधित दोषों को दूर करना है तो इलायची, मुलहटी, लाल पुष्प, खस, केसर, देवदार अदि मिश्रित जल से स्नान करना चाहिए । सारी पीड़ा समाप्त हो जाएगी ।
चंद्रमा
यदि आपकी कुंडली में चंद्र शुंभ न हो, तो आपके लिए गाय के दूध, गोमूत्र, गोबर, दही, घी, हाथी दांत, सीपी, शंख, स्फटिक एवं सुद्ध सफेद चंदन मिश्रित जल से स्नान करना लाभप्रद होगा ।
मंगल
इस ग्रह की शुभता के लिए स्नान के जल में लाल पुष्प, लाल चन्दन, मौलीश्री, खिरेंटी, लाल कंगनी, बिल्व वृक्ष की छाल मिलाएं और इसके बाद मंगल की अशुभता सदा के लिए दूर हो जाएगी ।
बुध
जायफल, विधारा, पिपरामूल, गाय का गोबर आदि मिश्रित जल से स्नान करने पर बुध जनित पीड़ाये दूर होती है । इसके अलावा शहद, हरी सब्जी, चांदी का वर्क, केला आदि भी प्रयोग किया जाए, तो बुध का सकारात्मक प्रभाव राशि पर पड़ता है ।
बृहस्पति
बृहस्पति कृत पीड़ा का शमन करने के लिए भी मुल्हैठी ,कोयले, भृंगराज की जड़, शहद, चमेली के फूल से मिश्रित जल का प्रयोग स्नान में करना चाहिए । इससे जातक का भाग्य उत्तम होता है और उसके मार्ग की बाधाएं दूर हो जाती है ।
शुक्र
यदि शुक्र ग्रह अशुभ हो, तो जातक को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है । इसलिए शुक्र द्वारा दी गई पीड़ा के शमन के लिए जायफल, केसर तथा इलायची मिश्रित जल से स्नान करना अनुकूल कहा गया है ।
शनि
शनि ग्रह के कुप्रभाव से काफी लोग डरते हैं । इसलिए शनि की शुभता के लिए जातक को लाल चंदन पानी में मिलाकर उससे स्नान करना चाहिए । इससे शनि प्रसन्न होते हैं ।
राहु
जीवन में उन्नति के लिए यह जरूरी है कि राहु ग्रह भी खामोश रहे । या फिर जातक के लिए शुभ हो । अगर राहु की शुभता पानी है, तो सफेद चंदन, देवदारु, लोबान तथा असगंध मिश्रित जल का उपयोग स्नान में करना चाहिए । राहु से संबंधित सारे दोष कमजोर हो जाएंगे ।
केतु
लाल चंदन एवं असगंध मिश्रित जल से स्नान करने से केतु कृत पीड़ाये शांत होती हैं । वैसे लाल चंदन की माला भी अभिमंत्रित करवाकर शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को धारण करने से केतु ग्रह शांत हो जाता है ।