वास्तु शास्त्र के अनुसार लिविंग रूम
वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि अगर लिविंग रूम वास्तु सम्मत है, तो इसमें रहने वाले वालों के बीच प्रेम और सोहाद्र बना रहता है
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में धन का स्थान उत्तर में होता है । इसलिए इस स्थान में लिविंग रूम हो, तो परिणाम अनुकूल मिलते हैं । वहीं घर में अगर पश्चिम और उत्तर-पश्चिम दिशा में लिविंग रूम हो, तो यह ठीक नहीं माना जाता । दरअसल इन कमरों में सूर्यास्त की किरणें पहुंचती है और हम शाम का समय इसी में बिताते हैं ।
लिहाजा धन के मामले में यह जगह ठीक नहीं होती । इसलिए लिविंग रूम ऐसी जगह पर होना चाहिए, जहां सकारात्मक ऊर्जा मौजूद हो यही । यही नहीं लिविंग रूम की डेकोरेशन का भी वास्तु जनित प्रभाव दोस्तों, परिवार के सदस्यों व रिश्तों पर पड़ता है । इसलिए इसके डेकोरेशन पर भी ध्यान देना जरूरी हो जाता है ।
* सबसे पहले तो ध्यान दें कि न तो कमरा एल शेप का हो और ना ही उसमें एल शेप की कोई चीज रखें । दरअसल यह शेप अधूरा माना जाता है और ऐसी चीजों को कहीं भी रखने से कोई ना कोई कोना छूट जाता है । इसलिए विशेषकर कमरे में फर्नीचर वर्गाकार, गोलाकार या छह भुजा कार होना चाहिए । यह भी ध्यान दें की कुर्सी अथवा सोफा का पिछला हिस्सा मुख्य दरवाजे की ओर ना हो ।
* आमतौर पर एक वर्गाकार य आयताकार कमरा अच्छा माना जाता है । इससे हानिकारक ची ऊर्जा एकत्रित होती है । अगर आपका लिविंग रूम आयताकार नहीं है और उसका आकार पुराना है, तो उसमें पौधे रखने से आपको लाभ हो सकता है ।
* लिविंग रूम में जरूरत से ज्यादा फर्नीचर होना भी आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है । साथ ही इसे प्रकाशमान भी होना चाहिए । अगर सोफा या कुर्सियों को पश्चिम अथवा दक्षिण दिशा में रखा जाए, तो यह बेहतर माना जाता है ।
* इससे आपका चेहरा भी पूर्व या उत्तर की ओर रहेगा । फर्नीचर को सीधे जमीन पर रखने की बजाय 2 या 8 सेंटीमीटर की ऊंचाई पर रखना श्रेयस्कर होता है ।
* कमरे में साइन बोर्ड या अलमारी को दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम की दीवार से लगा कर रखनी चाहिए ।
* लिविंग रूम ना तो डायनिंग रूम से ऊंचा होना चाहिए और ना ही रसोई घर । ऐसा इसलिए क्योंकि यह कमरा आराम और मनोरंजन का होता है । अगर यह कमरा ऊंचाई पर बना हो, तो ची ऊर्जा कमरे में आती है, जिसका नकारात्मक असर आपके रिश्तों पर पड़ सकता है ।
* कमरे में परिवार के सदस्यों और पुरानी पीढ़ी के लोगों की तस्वीर उत्तर दिशा में लगानी चाहिए । इससे घर में संपन्नता और शुभता आती है । जबकि दिवंगत लोगों की तस्वीर दक्षिण दिशा में लगाना ठीक माना जाता है । वही बच्चों की तस्वीरों को पूर्व में लगाना सही माना जाता है । पूर्व की दिशा युवाओं और ताजी की की मानी जाती है ।
* लंबे कैबिनेट में अगर आईना लगा हो, तो इसे दीवार के साथ लगाएं । दरअसल इस में बाथरूम, मुख्य दरवाजा और सीढ़ियां नहीं दिखनी चाहिए ।
* कमरे की छत ना तो ज्यादा ऊंची होनी चाहिए और ना ही नीची । अगर छत ऊँची हो, तो उससे घर के लोगों में असुरक्षा की भावना आती है, जबकि नीची छत डर का घोतक होती है ।
* कमरे में लगे बीम के नीचे सोफा या कुर्सियां रखने से बचना चाहिए ।