मेरठ शहर में सम्राट पैलेस में स्थित है सिद्धपीठ भगवती श्री राज राजेश्वरी त्रिपुरी सुंदरी मां का मंदिर। उत्तर प्रदेश का यह एकमात्र श्री यंत्र अधिष्ठात्री देवी षोडशी का मुख्य मंदिर है।
इस पवित्र स्थल पर मां दुर्गा के नौ रूपों के दर्शन होते हैं। 10 महाविद्याओं में सर्वोपरि महाविद्या षोडशी के अंतर्गत राज राजेश्वरी परांबा का विग्रह अनंत श्री विभूषित ज्योतिष श्री द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी द्वारा वर्ष 1990 में इस स्थान पर प्रतिष्ठित किया गया, जो यहां की मुख्य देवी है।
पूज्य शंकराचार्य जी द्वारा रचित सौंदर्य लहरी में श्री ललिता महात्रिपुर सुंदरी को कल्याणमयी, करुणामई, पुत्र वत्सला अनंत ब्रह्मांड जननी के रूप में चित्रित किया गया है। इस पवित्र स्थल पर मां राजराजेश्वरी पर परांबा का विग्रह मनोहारी है। ब्रह्मा, विष्णु, रुद्र व ईश्वर सदाशिव जो क्रमशः सृष्टि, स्थित, संहार, तिरोधान व अनुग्रह के देव है, की प्रार्थना पर मां जगदंबा ने उनको अपना सिंहासन बनाया है।
मंदिर में चारों देव के चार पाए हैं। सदा शिव से ऊपर का फलक है, जिनकी नाभि से निकले कमल में मां राज राजेश्वरी विराजमान है। मंदिर प्रांगण में ही त्रिपुरेशवर महादेव का मंदिर स्थापित है। मंदिर में प्रत्येक प्रहर में आरती की जाती है तथा फाल्गुन कृष्ण अष्टमी पक्ष में मां भगवती का जन्म महोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
यहां हर साल काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मां भगवती बुद्धि के अलावा रोग निवृत्ति, सुख शांति प्रदाता मानी जाती है, जिनके दर्शन मात्र से भक्तों के दुख दूर हो जाते हैं। आज भी मेरठ शहर का यह मंदिर भक्तों के लिए प्रतिष्ठित है और दूर-दूर से यहां भक्त आकर मनोकामना मांगते हैं।