पूजा पाठ के दौरान हवन करने के लाभ व सुख शांति प्राप्त करने के अनेक प्रयोग

pooja havan

आइए जानते हैं, पूजा पाठ के दौरान हवन करने के लाभ व हवन से सुख शांति प्राप्त करने के अनेक प्रयोग

घरों में आम दिनों में पूजा पाठ के दौरान हवन किया जाता है। पर यदि हवन में खास वस्तुओं का प्रयोग किया जाए, तो उद्देश्य निश्चित ही सफल होता है। प्राचीन धर्म ग्रंथों में हवन यानी यज्ञ की महिमा बताई गई है। इनमें कहा गया है कि हवन के द्वारा मनुष्य अपने समस्त कष्टों तथा आपदाओं से छुटकारा पाकर सुख – शांति प्राप्त कर सकता है। वैदिक ग्रंथों में तो यहां तक कहा गया है कि हवन का प्रयोग धार्मिक कर्मकांडों, पूजा उपासना एवं अनुष्ठान आदि में किया जाता है। विभिन्न अवसरों एवं त्योहारों में भी हवन की वैज्ञानिक उपयोगिता उल्लेखनीय है। हवन से कीटाणुओं तथा प्रदूषण का निवारण होकर वातावरण शुद्ध और पवित्र होता है। “काली तंत्र” नाम के ग्रंथ में हवन से सुख शांति प्राप्त करने के अनेक प्रयोग दिए गए हैं। आइए जानते हैं कुछ प्रयोग:

1) मां काली के मूल मंत्र ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं हूँ हूँ दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूँ हूँ स्वाहा का जप करते हुए दूध वाले वृक्षों की आर्द्र समिधाओं, लकड़ियों द्वारा हवन करने से अशुभ ग्रह शांत हो जाते हैं।

2) इस मंत्र के जप के साथ यदि पलाश की समिधा से होम करें, तो साधक का शरीर पुष्ट हो जाता है।

3) अगर इस प्रक्रिया में जप के साथ दूध या घृत से हवन किया जाए, तो साधक की स्मरण शक्ति बढ़ती है। बेंत के वृक्ष के फूल अथवा पत्तों को खीर में मिलाकर होम करने का अर्थ है कि वर्षा आएगी।

4) वृक्षों की समिधा से हवन करने पर तन-मन सदैव चुस्त-दुरुस्त बना रहता है।

5) शमी की समिधाओं से हवन करने पर भूत-प्रेत, रोग एवं ग्रह आदि शांत होते हैं।

6) घृतयुक्त पलाश की समिधाओं द्वारा सूर्यग्रहण के समय हवन करने से संपत्ति मिलती है।

7) यदि यही मंत्र बोलते हुए तिलों की 24000 आहुतियां दी जाएं, तो मनुष्य को समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है।

8) दूध वाले सभी प्रकार के वृक्षों की समिधाओं से हवन किए किया जाए तो रोग, शोक, पीड़ा, भूत-प्रेत आदि का शमन हो जाता है।

9) शहद की मक्खियों द्वारा घर में छत्ता बना लेने पर शमी की समिधाओं द्वारा अन्न और घृत का हवन करें। शहद की मक्खियों भाग जाएंगी।

10) पलाश के पुष्पों द्वारा नित्य प्रातः काल हवन करें। सभी ईष्टों की उपलब्धि होगी।

11) बिल्व वृक्ष की जड़, फल, फूल एवं पत्रों द्वारा हवन करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

12) रक्तकमल के पुष्पों से हवन करने पर श्री और सौंदर्य की प्राप्ति होती है।

13) प्रतिदिन अन्न का होम करने वाले साधक को अन्न की कमी कभी नहीं होती।

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