अपने व्यवसाय का विकास कैसे करें?
किसी भी कंपनी के कर्मचारी उस कंपनी की सबसे बड़ी पूंजी होते हैं। पूंजी हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि कंपनी का विकास सही मायने में कर्मचारियों के मोटिवेशन पर ही निर्भर करता है। इसलिए कंपनियां अब एम्प्लॉइज के मोटिवेशन पर विशेष ध्यान देने लगी है, लेकिन कैसे ?
बचपन से ही हर किसी के भीतर कोई-न-कोई अरमान किसी-न-किसी रूप में पल रहा होता है। और सच तो यही है कि इसे पाने के लिए उपयुक्त माहौल और परिस्थिति की लगातार तलाश जारी रहती है। यही बात कंपनी के एम्प्लॉइज पर भी लागू होती है। वास्तव में, कर्मचारी किसी संस्था की सबसे बहुमूल्य पूंजी होते हैं, क्योंकि कंपनी के विकास में उनका बहुत बड़ा योगदान होता है। इसलिए आजकल अधिकांश कंपनियों में एम्प्लॉइज को मोटिवेट करने के लिए कई तरह के तरीके अपनाए जाने लगे हैं। जैसे, उनसे खुलकर बातचीत करना, उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन करना, फीडबैक लेना आदि। दरअसल, मोटिवेशन कई बातों पर निर्भर करता है। अब ज्यादातर मैनेजमेंट समय-समय पर प्रत्येक एम्प्लॉइज से व्यक्तिगत वार्तालाप करते हैं। साथ ही उन्हें आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित करते हैं। इस क्रम में उन्हें मुख्यतः कई तरह के लोगों से दो-चार होना पड़ता है। आइए जानते हैं, कैसे होते ये लोग……
मजबूरी में चुना गया विकल्प
कुछ लोग अपनी इच्छा के विपरीत किसी खास क्षेत्र में मजबूरन आ जाते हैं। ऐसे लोगों पर कई बाहरी कारकों का दबाव काम करता है, जैसे- माता-पिता की इच्छा, तात्कालिक ट्रेंड को अपनाने की ललक आदि। ऐसी स्थिति में एम्प्लॉइज की आकांक्षा और जॉब के प्रकार के बीच एक खाई बन जाती है, जिसे पाटना अक्सर मुश्किल होता है। यही कारण है कि वह बेहतर परफॉर्मेंस देने से वंचित रह जाता है।
सुधार के उपाय
इस तरह की समस्या से बचने के लिए साक्षात्कार के स्तर पर ही उम्मीदवार की रुचि, इच्छा, सपने, क्षमता आदि जानने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसे एम्प्लॉइज को उनकी योग्यता, कार्यक्षमता और कमजोरियों को पहचानते हुए किसी विशेष कार्य पर सामूहिक तौर पर लगाना चाहिए। ध्यान देने की बात यह भी है कि लक्ष्य के साथ-साथ उन्हें प्रोत्साहन मिलना भी जरूरी है। सिलेक्शन प्रक्रिया के दौरान ही उम्मीदवारों को उनकी भूमिका और ग्रोथ करने की संभावनाओं को स्पष्ट कर देना चाहिए। हालांकि कुछ ऐसी भी कंपनियां हैं, जो एम्प्लॉइज की योग्यता और उनकी क्षमता को परखने के लिए काउंसलर की नियुक्ति करती हैं।
कर्मचारियों का निरीक्षण
कम क्षमतावान एम्प्लॉइज के परफॉर्मेंस को सुधारने के लिए उनके व्यवहार का लगातार निरीक्षण करना चाहिए। इससे मैनेजमेंट को उनकी वास्तविक क्षमताओं की जानकारी मिल सकती है। ऐसा करने के बाद ही उन्हें लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
मार्ग से विचलित कर्मचारी
आपने अक्सर कुछ लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि परिस्थिति के कारण वे अपनी क्षमताओं का विकास नहीं कर सके। ऐसे लोग सही करियर चुनने के बावजूद तमाम तरह की परिस्थितियों के कारण अपने पसंदीदा कार्य करने से वंचित रह जाते हैं। मिसाल के तौर पर ऐसा देखा गया है कि किसी टेक्निकल व्यक्ति को कंपनी द्वारा उसकी इच्छा के विपरीत किसी कार्य पर लगा दिया जाता है। ऐसा करना न कंपनी के हित में होता है और न ही कर्मचारी के हित में। मजबूरीवश काम करने वाले कर्मचारी को उन्हें पूर्व निर्धारित काम पर ही लगाना चाहिए। ऐसे व्यक्ति की योग्यता को परखने के लिए उन्हें विभिन्न प्रकार के चुनौतीपूर्ण कार्य समय-समय पर देते रहना चाहिए। साथ ही एम्प्लॉइज को आगे बढ़ने का पर्याप्त अवसर देने से उनका परफॉर्मेंस काफी सुधर सकता है, क्योंकि दबाव में काम करने वाले एम्प्लॉइज से आप बेहतर परफॉर्मेंस की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।