Best Spiritual thoughts in hindi
Spiritual thoughts, आध्यात्मिक विचार – 1
जो बोलता नहीं केवल सुनता है वह भगवान, जो कम बोलता है वह संत और जो सोच समझकर बोलता है वह इंसान और जो बोलता ही रहता है राक्षस। भगवान आपके और हमारे बारे में सोचते है संत धर्म और समाज के बारे में सोचते है, इंसान सहयोग करने की सोचता है राक्षस खुद को सुखी और दूसरे को दुखी करने की सोचता है भगवान उपदेश देते है, संत वात्सल्य देते है, इंसान सहयोग करता है और राक्षस दुसरो की चीजों पर कब्ज़ा जमाता है।
Spiritual thoughts, आध्यात्मिक विचार – 2
मनुष्य दिन व्यर्थ के कार्यो में एवं व्यर्थ चर्चा में बिताते है । और रात्रि सोने अथवा प्रसंग में बिताते जिसके कारण उनके भाग्य एवं बुद्धि दोनों मंद होते जा रहे है- श्री नारद जी (श्री मद भागवत)
Spiritual thoughts, आध्यात्मिक विचार – 3
संसार के कार्यो में श्रम करना पुरुषार्थ नहीं है । भगवत प्राप्ति के लिए प्रयत्न करना ही पुरुषार्थ है ।
Spiritual thoughts, आध्यात्मिक विचार – 4
जिस घर में एक परमात्मा प्राप्त व्यक्ति अर्थात संत पैदा हो जाता है उसकी २१ पीढ़ियां तर जाती है ये भगवान श्री कृष्ण का वचन है
Spiritual thoughts, आध्यात्मिक विचार – 5
जो हो रहा है ईश्वर की मर्जी से हो रहा है, अच्छा हो रहा है । हर व्यक्ति की ऐसी ही सोच हो तो दुनिया में दुख और पीड़ा गायब हो जाएगी । व्यक्ति सुखी और संतुष्ट महसूस करता है । यह सकारात्मक सोच व्यक्ति की दशा और दिशा बदल देती है और इसी सोच को सकारात्मक सोच कहते है । सकारात्मक सोच दुख में सुख का अनुभव करवा देती है । इससे मैत्री, करुणा, प्रेम, दया, वात्सल्य भाव जीवन में अवतरित होने लगते है ।
Spiritual thoughts, आध्यात्मिक विचार – 6
प्रश्न चाहे कितने ही जटिल क्यों न हो हम स्वयं अपने प्रश्नो के उत्तर है । प्रश्न यदि खंड है तो उत्तर अखंड है और इसी भावना के साथ हमें जीवन में आने वाले हर प्रश्नो पर फतह पानी है ।
Spiritual thoughts, आध्यात्मिक विचार – 7
घाव पर कपड़ा भी छुरी बनकर लगता है । दुखे हुए अंग को हवा भी दुख देती है । भली स्त्री से घर की रक्षा होती है ।
Spiritual thoughts, आध्यात्मिक विचार – 8
संसार मन से भिन्न नहीं है मन हृदय से भिन्न नहीं है । अतः समस्त कथा हृदय में ही समाप्त हो जाती है ।
Spiritual thoughts, आध्यात्मिक विचार – 9
जो शांत है स्वयं में प्रसन्न है जिसने संसार की वस्तुओं के लिए दौड़ना छोड़ दिया । जिसके व्यवहार में बनावट न हो जिसका विषय सिर्फ परमात्मा एवं आनन्द बाटना हो । ये सद्गुरू के कुछ लक्षण है । बुद्धिमान वे है जो सद्गुरू को अपने जीवन का सारथी बनाते है ।
Spiritual thoughts, आध्यात्मिक विचार – 10
हर कार्य और हर विचार को ईश्वर की इच्छा समझ कर करना चाहिए । जल्दी ही ईश्वर आप में बस जाएंगे ।
Spiritual thoughts, आध्यात्मिक विचार – 11
रजो तमो गुणी व्यक्ति परम आनंद एवं परमात्मा अथवा संसार (या किसी की व्यक्तिगत समस्या का लेश मात्र भी निदान नहीं कर सकते ) की कोई बात किसी को न समझाएं पहले संत शरण जाकर स्वयं को त्रिगुणातीत बनाएं । तभी जीवन को समझने-समझाने की क्षमता आप में आएगी ।