एक गांव में बारह वर्षीय बालक जिसका नाम दीपक है अपने परिवार के साथ रहता था । एक दिन दीपक के पिताजी खेत में काम कर रहे थे । तभी
दीपक वहां पहुंच गया । वह खेत में बीज डाल रहे थे ।
दीपक ने जिज्ञासावश पूछा, ’पिताजी आप इन बीजों को जमीन पर क्यों फेंक रहे हैं?’ पिताजी दीपक का सवाल सुनकर हंसने लगे । वह बोले, ’बेटे, मैं
बीज फेंक नहीं रहा हूं, उन्हें बो रहा हूं । ‘अभी दीपक आगे प्रश्न पूछता, तभी पिताजी बोल पड़े । ‘इसके बाद इन बीजों को पानी देना होगा । फिर इन
में अंकुरण होगा और इनमें से पौधे निकलेंगे, जो हमारी सेवा के बाद बड़े होकर हमें अन्न या फल देंगे । ‘दीपक ने पिताजी से पूछा, ‘तब तो इसमें
काफी समय लगेगा । ‘उनका जवाब था, ‘हां, बिल्कुल । इसमें खूब समय लगेगा ।
लेकिन जब यह पौधे हमें कुछ देंगे, तब हमारी मेहनत सफल मानी जाएगी । तुमने भी तो सुना होगा कि मेहनत का फल मीठा होता है । इसलिए हमें
खूब मेहनत करनी चाहिए और फल की चिंता नहीं करनी चाहिए । इसी तरह तुम भी पढ़ाई में खूब मेहनत करो, तभी जाकर अच्छे अंको से पास होगे
और तुम्हारे स्वर्णिम भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा ।
‘पिताजी की बात सुनकर दीपक को समझ में आ गया कि वाकई मेहनत का फल मीठा होता है ।