प्रेरणादायक कहानी – क्योंकि मैं भी एक मां हूं

प्रेरणादायक कहानी - क्योंकि मैं भी एक मां हूं

मैं शॉपिंग करने मॉल गई थी । शापिंग करते वक्त मैंने देखा कि 14-15 साल का किशोर सेल्स गर्ल से उलझ रहा था । थोड़ी देर बाद वह बिल काउंटर पर गया, लेकिन शायद वहां भी उसकी बात नहीं सुनी गई । वह पुनः आकर सेल्सगर्ल से अनुरोध करने लगा । उसने भी उसे अनदेखा कर दिया ।

आखिरकार मुझसे रहा नहीं गया मैंने सेल्स गर्ल से घटना की बाबत पूछा तो वह बिफर गई। वह बोली, मैडम हमने तो पहले ही डिस्काउंट दे रखा ह। हम इससे ज्यादा डिस्काउंट नहीं दे सकते। हमारे ऊपर भी ऑफिसर हैं। जो वॉच आउट कर रहे हैं, लेकिन यह किशोर मानता ही नहीं है।’ उसके बाद मैंने उस बच्चे की तरफ रुख किया। मुझे पता चला कि उसने मदर्स डे पर अपनी मां के लिए एक पर्स पसंद किया था, लेकिन ५० रूपए कम पड़ने के कारण वह बार-बार अनुरोध कर रहा था। पर उसकी बात कोई सुनने को तैयार नहीं था। उसका घर भी दूर था। शायद इसलिए वह अतिरिक्त डिस्काउंट की मांग कर रहा था। उस किशोर को देखकर बरबस ही मुझे बचपन के दिन याद आ गए।

जब हम गुल्लक के पैसों से पेरेंट्स को गिफ्ट देकर फूले नहीं समाते थे। मां की भी स्मृति हो आई। मुझसे रहा नहीं गया और मैंने तुरंत 50 रूपए उस किशोर को दे दिए। पहले तो वह हिचकिचाया और बोला, ‘आंटी मैं आपके पैसे वापस कर दूंगा।’ मैंने कहा, ‘उसकी कोई जरूरत नहीं बेटे। आखिरकार मैं भी एक मां ही हूं।’ उसके चेहरे की खुशी को देखकर वास्तव में एहसास हुआ जैसे अकस्मात ही मंदिर में कोई दिया जल गया हो। सच ही कहा गया है कि मां हमेशा अच्छी व सिर्फ अच्छी ही होती है।

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