कड़वे नीम के औषधीय गुण

Benefits of Neem Tree in Hindi

नीम की पत्तियां, फूल, फल और छाल भी शरीर के लिए औषधि मानी जाती है । इसमें कई रोगों को ठीक करने की शक्ति होती है ।

नीम के पेड़ सभी जगहों में पाए जाते हैं । यह हरियाली और छाया तो देता है, साथ ही इसे औषधि युक्त गुणों के कारण भी महत्वपूर्ण माना जाता है । नीम शीतल, ग्राही और अग्निदीपक होता है । इसका दातुन दांतों को मजबूत और कीटाणु रहित बनाता है । नीम के पत्ते आंखों के लिए हितकारी तथा विनाशक होते हैं । यह ज्वर, बवासीर, खांसी, व्रण, कफ, वात, तृषा, वमन, प्रमेह तथा थकान को दूर करता है ।

नीम खाने से कड़वा लगता है, पर कई गुणों के कारण यह मिठास भरा लगता है । इसमें अमृत तत्व उपस्थित होते हैं । इसकी छाल, पत्ते और निबोली द्वारा अनेक रोगों का शमन होता है । आयुर्वेद के बहुत से नुस्खों में नीम का प्रयोग किया जाता है । ग्रामीण क्षेत्र में आज भी कई रोगों को दूर करने के लिए इसे रामबाण कहा जाता है । नीम त्वचा और उदर रोग में बहुत लाभ पहुंचाता है ।

इसके औषधीय प्रयोग इस प्रकार हैं –

* नीम के पत्तों और अजवाइन को पानी के साथ पीसकर कनपटी पर लगाने से नकसीर बंद हो जाती है ।

* नीम के तेल में थोड़ा सा शहद मिलाकर उसकी बत्ती भिगोकर कान में रखने से कान बहना बंद हो जाता है ।

* सिर पर नीम के तेल की नित्य मालिश करने से कुछ ही दिनों में गंज पर बाल उगने लगते हैं ।

* सारे शरीर पर नीम के तेल की मालिश करें । तीन-चार दिनों में घमोरियां सूख जाती हैं ।

* नीम की ५-६ कोपलें प्रतिदिन सुबह निराहार चबाने से किसी भी प्रकार का चर्मरोग ठीक हो जाता है ।

* नीम की कोमल पत्तियों को दही में पीसकर यथास्थान लेप करने से दाद और खुजली मिट जाती है ।

* नीम की पत्तियों को पानी में उबाल-छानकर उस पानी से सड़े घाव आदि धोने से वह जल्दी ठीक हो जाते हैं ।

* नीम की दो निबौलियों का गूदा शहद में मिलाकर चाटने से अजीर्ण से छुटकारा मिलता है ।

*नीम की थोड़ी सी छाल, सौंठ और काली मिर्च का चूर्ण बना लें । इसमें से पांच-पांच ग्राम चूर्ण रोज सुबह शाम ताज़े पानी से सेवन करें । तीन-चार दिनों में अम्ल पित्त का रोग चला जाएगा ।

*नीम की पत्तियों को सुखाकर चूर्ण बना लें । आधा-आधा चम्मच चूर्ण सुबह शाम शहद में मिलाकर सेवन करें । भोजन के प्रति अरुचि दूर हो जाती है ।
*नीम की पत्तियों के रस में तिल का तेल मिलाकर उपयोग करने से मस्तिष्क के कीड़े मर जाते हैं ।

*नीम के बीज को सिरके में पीसकर लगाने से मुंहासे कुछ ही दिनों में सूख जाते हैं ।

*सिर में नीम के तेल की मालिश करें । जुएं तथा लिखें मर जाती हैं ।

*नीम की छाल का काढ़ा पीने से पतले दस्त रुक जाते हैं ।

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