ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जन्म कुंडली में सभी ग्रह विभिन्न राशियों में स्थति विभिन्न भावों के स्वामित्व, अन्य ग्रहों के साथ युति व दृष्टि आदि के कारण शुभ या अशुभ प्रभाव देते हैं। साथ ही विभिन्न उपायों के माध्यम से प्राय: विभिन्न ग्रहों को अपने अनुकूल बनाया जा सकता है। इसी तरह बृहस्पति ग्रह भी है, जिन्हें गुरु ग्रह भी कहा जाता है। यह ग्रह पितामह, पति, पुत्र, ब्राह्मण, शिक्षक, कर्तव्य, रथ, गौ, प्यादा, सेना, शुभ कार्य, दूसरों के विचारों को भांप जाना, परोपकार, पीला रंग आदि का कारक माना जाता है।
यदि जन्म कुंडली में यह गृह अच्छे स्थान पर हों, तो जातक ताकतवर, बुद्धिमान, ईमानदार, भाग्यवान तथा उत्तम संतान वाला होता है। ऐसे व्यक्ति जज, अकाउंटेंट, बैंक अधिकारी, शिक्षक, संपादक, समाज सुधारक, धर्म प्रचारक आदि होते हैं। पर यदि यह ग्रह अशुभ फल देने वाला हो, तो व्यक्ति कमजोर, दांपत्य जीवन में दुखी, संतान पक्ष की ओर से दुखी, गुरु द्वारा अपमानित, पिता तथा अपने से बड़ों का विरोधी, कर्जदार आदि होता है। इसलिए इस ग्रह को अनुकूल बनाने के लिए इन उपायों को किया जा सकता है:
जाने, गुरु ग्रह को प्रसन्न करने के कुछ उपाय
(1) बृहस्पतिवार को पीले रंग के वस्त्र धारण करें। यहां तक कि घर में पर्दे एवं चादर भी इसी रंग की लगाएं
(2) घर में पीले सूरजमुखी या पीले गेंदे के फूल का पौधा भी लगाने से बृहस्पति प्रसन्न होते हैं।
(3) घर में पूजा स्थान पर घी का दीपक जलाएं तथा चने की दाल बनाये।
(4) यदि आप बृहस्पतिवार को मंदिर में बूंदी या लड्डू का प्रसाद चढ़ाएं, तो लाभ होगा।
(5) पांच बृहस्पतिवार अपने इष्ट देव की पूजा करके पिले मिष्ठान का भोग लगाकर भोजन करें। भोजन में पीले खाद्य पदार्थ हों।
(6) आप चाहे तो नौ मुखी, बारह मुखी या तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
(7) ॐ बृहस्पतये नमः का जप करना भी फायदेमंद हो सकता है।
(8) बृहस्पतिवार को शराब, धूम्रपान अथवा अन्य व्यसन न करें।