माता शीतला की विधि विधान से आराधना करने से न सिर्फ रोग दूर होते हैं, बल्कि भक्तों को निरोगी जीवन व स्वच्छता की प्रेरणा भी मिलती है चैत्र मास की कृष्ण सप्तमी और श्रावण मास की शुक्ल पक्ष तिथि को मनाई जाने वाली शीतला सप्तमी को शास्त्रों में शुभ व फलदाई माना गया है । इस पुण्यतिथि पर बच्चों में होने वाले चेचक व छोटी माता के प्रकोप से बचाने के लिए श्रद्धालु विधि-विधान के अनुसार पूजन करके उपवास रखकर प्रसन्न करने का यत्न करते हैं । मां शीतला देवी…
Read MoreCategory: व्रत एवं त्यौहार
Papmochani Ekadashi :पापमोचनी एकादशी का महत्व व व्रत विधि
जन्म संवारे पापमोचनी एकादशी वर्ष की 24 एकादशियों में से एक पापमोचन एकादशी केवल कामना सिद्धि करने का नहीं, बल्कि पापों का शमन करने का भी अनुष्ठान है चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी पापमोचनी एकादशी के नाम से जानी जाती है । शास्त्रों में इस एकादशी को समस्त पापों और तापों से मुक्त करने वाला कहा गया है। पुराणों और स्मृतियों में भी वर्णित है कि भगवान श्री कृष्ण, अर्जुन से कहते हैं, “हे कौंतेय इस संसार में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जिसके द्वारा जाने-अनजाने में कोई पाप…
Read Moreहोलिका दहन के दौरान करें ये लाभकारी प्रयोग
होलिका दहन का विशेष महत्व- रंगो का त्योहार कहा जाने वाला होलिकोत्सव पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है । पहले दिन यानि फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका जलाई जाती है, जिसे होलिका दहन कहते हैं । मान्यता है कि इससे दुष्ट आत्माओं का नाश होता है और वातावरण में शुद्धता आती है । इस दिन छोटे बड़े सभी एक दूसरे पर रंग, अबीर और गुलाल डालकर गले मिलते हैं । पुराणों के अनुसार असुरराजा हिरण्यकशिपु की बहन, जिसे अग्नि द्वारा न जलने का वरदान प्राप्त था…
Read Moreअमला एकादशी दे पुण्य अपार – Amalaki Ekadashi Vrat in hindi
आमल की एकादशी व्रत का महत्व सभी एकादशीयों में अमला एकादशी का भी महत्वपूर्ण स्थान है । इस एकादशी को करने से न सिर्फ मार्ग की बाधाएं दूर होती है, बल्कि धन-धान्य और ऐश्वर्य भी मिलता है । भगवान श्री राम ने भी अपनी कामना की पूर्ति के लिए यह एकादशी की थी । फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी अमला एकादशी के नाम से जानी जाती है । पुराणों के अनुसार एक बार भगवान विष्णु के थूकने पर चंद्रमा के समान कांति मान बिंदु पृथ्वी पर गिर गया, जिससे…
Read MoreShattila Ekadashi: जानिए षटतिला एकादशी का महत्व और पूजाविधि
षटतिला एकादशी पर दे तिल की यज्ञ आहुति षटतिला एकादशी के दिन व्रत पूजन करने से मन के कलुषित विचार नष्ट होते हैं। इस व्रत में तिल का विशेष महत्व है। षटतिला एकादशी का महत्व माघ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार, यह एकादशी समस्त पापों को नष्ट करने वाली तथा दिव्य उत्कृष्ट गुणों को प्रदान करने वाली है। इस एकादशी व्रत एवं पूजन करने वाले मनुष्यों के मन के सारे कलुषित विचार नष्ट हो जाते हैं और वह राग, द्वेष रहित…
Read MoreTulsi Vivah: तुलसी विवाह से कटेंगे सारे पाप
जानें क्यों होती है तुलसी और शालीग्राम का विवाह तुलसी विवाह से कटेंगे सारे पाप हिंदू संस्कृति में जिस तरह एकादशी व्रत का महात्म्य है, ठीक उसी तरह शालिग्राम व तुलसी विवाह भी कार्तिक शुक्ल एकादशी को कराने की परंपरा है। इसके संबंध में स्वयं श्री हरि कहते हैं, “जो व्यक्ति इस दिन तुलसी विवाह करवाता है, वह समस्त पापों से मुक्त हो जाता है तथा उसे कन्यादान करने का सौभाग्य मिलता है।” तुलसी विवाह में गाजे-बाजे के साथ एक सुंदर मंडप के नीचे विवाह संपन्न किया जाता है और…
Read MoreChhath Puja: सूर्य की कृपा पाने का पर्व छठ
नहाए-खाए के साथ ही छठ पर्व आरंभ हो जाता है। खरना और सभी श्रद्धालु जलाशय के तट पर डूबते और अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ देकर खुशहाली की कामना सूर्यदेव से करते है। छठ पूजा का महत्वा वेदों और पुराणों में भगवान सूर्य को प्रमुख स्थान दिया गया है। इन्हें सूर्य नारायण की भी कहा गया है और बताया गया है कि इनकी कृपा साधक के जीवन में उन्नति कीर्ति और आरोग्यता लेकर आती है। इन्हीं को समर्पित है देश का महान लोक पर्व छठ। चार दिनों का यह…
Read MoreGopashtami Puja (गाय पूजन): गाय की पूजा करने से मिलता है अपार पुण्य
गौ पूजन से मिले अथाह पुण्य हिंदू शास्त्रों में गौमाता को परम पूजनीय कहा गया है। दरअसल उनके पूरे शरीर में समस्त देवताओं, गंधर्वों, ऋषि-मुनियों आदि का निवास होता है। इसलिए इनकी पूजा से पुण्य मिलता है। गोपाष्टमी पूजा या गोपाष्टमी व्रत कार्तिक शुक्ल अष्टमी को मनाया जाता है। गोपाष्टमी का पर्व पूरी तरह से भगवान श्री कृष्ण और उनकी प्रिय गायों को समर्पित है। पुराणों के अनुसार गोपाष्टमी के दिन ही भगवान श्री कृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम ग्वाले बने थे। इसलिए उनके साथ-साथ गायों की महत्ता बढ़…
Read MoreDhanteras Upay: सुख-समृद्धि के लिए धनतेरस के दिन करें ये उपाय
धनतेरस को शुभ बनाने के लिए करें ये उपाय धनतेरस को नए बर्तन या नई चीजें खरीदने की परंपरा है। यह पर्व हमें अपनी सुख समृद्धि में बढ़ोतरी करने की शिक्षा देता है। इस दौरान यदि पूजा पाठ से संबंधित कार्य किए जाएं, तो दीपावली शुभ हो जाती है। धनतेरस दीपावली के पूर्व आने वाला ऐसा त्यौहार है, जिसमें हम अपनी सुख समृद्धि और संपन्नता में बढ़ोतरी के लिए कुछ क्रियाएं करते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि यदि धनत्रयोदशी यानी धनतेरस से लेकर दीपावली तक कुछ उपाय लगातार…
Read Moreशरद पूर्णिमा: अमृत बरसता है शरद पूर्णिमा की रात
शरद पूर्णिमा की रात आकाश से अमृत वर्षा की बात शास्त्रों में की गई है। इस दिन लक्ष्मी पूजा के अलावा नैवेध को भी चांद की रोशनी में रखने का विधान है। दीपावली के ठीक 15 दिन पहले शरद पूर्णिमा आती है। शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात्रि को चंद्रमा की किरणों के साथ अमृत बरसता है। इस रात धन और उन्नति की देवी लक्ष्मी पृथ्वीलोक का दौरा करती हैं और अनुकूल जगह पाकर वहां सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती है। सूर्य के बाद चंद्रमा को सर्वाधिक प्रभावशाली ग्रह…
Read More