मन की शुद्धि के लिए कल्पवास कल्पवास माघ महीने में किया जाने वाला व्रत होता है, जिसका उद्देश्य अपने मन में उपस्थित विकारों को निकालना और अक्षय पुण्य की प्राप्ति है। एक महीने का यह व्रत पूरे वर्ष को पुण्य मय बना देता है। तीर्थराज प्रयाग का माघ मेला महज नदियों का ही नहीं अपितु आस्था, दर्शन, अध्यात्म और विविध संस्कृतियों का अनूठा संगम है। यह स्नान पर्व एक महीने तक चलता है। इस पर्व के दौरान संगम तट पर कल्प वास करने का पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व है। इस…
Read MoreCategory: व्रत एवं त्यौहार
गणेश जयंती यानी तिल चतुर्थी पर गणपति को प्रसन्न कर, करे दोषों का निवारण
गणेश जयंती यानी तिल चतुर्थी । माघ मास की इस तिथि को भगवान श्री कृष्ण ने उपवास रखकर अपने ऊपर लगे आरोप के दोष से मुक्ति पाई थी। गणेश जयंती । माघ महीने की शुक्ल पक्ष चतुर्दशी के रूप में जानी जाने वाली यह तिथि कई प्रदेशों में महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसे तेल चतुर्थी भी कहा जाता है। गणेश भगवान हमारे प्रथम पूज्य देवी नहीं हैं, बल्कि वह तो जीवन के हर क्षण में रचने-बसने वाले देवता कहे जाते हैं। इनकी पूजा करने से भक्तों को कोई भी विघ्न…
Read Moreवैशाखी पूर्णिमा देती है पूर्ण समृद्धि
वैशाखी पूर्णिमा का महत्व वर्ष में आने वाली सभी पूर्णिमा में वैशाखी पूर्णिमा का भी महात्म्य है । इस दिन विधि-विधान से श्री हरि विष्णु का पूजन करने से उनकी कृपा अवश्य मिलती है वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि वैशाखी पूर्णिमा अथवा पीपल पूनम के नाम से जानी जाती है । प्राचीन काल में वैशाखी पूर्णिमा के दिन दैत्यो द्वारा अपहृत देवताओं का अखंड साम्राज्य श्री हरि विष्णु की कृपा से उन्हें वापस मिल गया था । इसलिए सभी देवताओं ने प्रसन्न होकर इस तिथि को…
Read Moreविजयादशमी का महत्व : जीत का संदेश देती है विजयादशमी
विजयादशमी का महत्व विजयादशमी के दिन विजय नामक मुहूर्त होता है यह मुहूर्त किसी भी कार्य में सिद्धि प्रदान करता है । नवरात्र में नो दिनों तक शक्ति की प्रतीक देवी दुर्गा की पूजा की जाती है । इसके बाद दसवें दिन मां की मूर्ति की विसर्जन प्रक्रिया पूरी की जाती है । इसी दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया । श्री राम की विजय के बारे में एक प्रसंग यह भी है कि जब राक्षस राज रावण के अनुज विभीषण ने कवच धारी, रथ पर सवार…
Read MoreRavivar vrat : रविवार का व्रत दूर करें संकट
Ravivar vrat : रविवार का व्रत दूर करें संकट सृष्टि के महत्वपूर्ण आधार है सूर्य देवता । सूर्य की कृपा प्राप्त करने के लिए रविवार का व्रत करें । कहते हैं सूर्य को नियमित अर्घ देने से नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होती है । बल, तेज, पराक्रम, यश एवं उत्साह बढ़ता है.. रविवार का व्रत रखने से सूर्य की अनिष्टता का निवारण हो जाता है । शुक्ल पक्ष के रविवार से व्रत को प्रारंभ करना चाहिए । इस दिन नमक का सेवन नहीं करें तथा दही और चावल का एक…
Read Moreजन्माष्टमी के दिन ऐसे करें श्रीकृष्ण को प्रसन्न
जन्माष्टमी के दिन पूरी श्रद्धा एवं विधि विधान से भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं । श्री कृष्ण केवल आदिदेव ही नहीं वरन पूरे ब्रह्मांड के पोषक श्री विष्णु जी के साक्षात अवतार भी हैं, इनके हर रूप में सूर्य, जल, वायु, आकाश और पृथ्वी का समावेश है, इसलिए इनकी पूजा-अर्चना से भक्तों को परम शांति, सुख, धैर्य एवं अलौकिक आनंद की अनुभूति होती है । कृष्ण जन्माष्टमी व्रत पूजन विधि व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दैनिक क्रियाओं से…
Read Moreजन्माष्टमी पर करें राशि के अनुसार कृष्ण का श्रृंगार
जन्माष्टमी में अगर आप अपनी राशि के अनुसार भगवान का श्रृंगार करते हैं, तो आप भगवत कृपा के पात्र होंगे । जैसे ही मनुष्य का जन्म होता है उस पर ग्रहों का प्रभाव शुरू हो जाता है, जिनसे उसकी हर गतिविधि प्रभावित होती है । पूजा अर्चना में आराध्य देवता के साथ ग्रहों की प्रसन्नता भी जरूरी है, तभी उसका संपूर्ण पुण्य लाभ भी मिलता है । इसलिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर यदि हर भक्त अपनी राशि के अनुसार राशि के रंग के वस्त्रों से भगवान का…
Read MoreMangala Gauri vrat : मंगला गौरी व्रत का महत्व व व्रत विधि
मंगल दोष दूर मंगला गौरी व्रत से श्रावण मास में हर मंगलवार को किया जाने वाला मंगला गौरी व्रत न केवल गृहस्त महिलाओं, बल्कि अविवाहित कन्याओं के लिए भी लाभप्रद माना गया है । इस व्रत से मंगल दोष भी दूर होता है श्रावण मास आरंभ होने के साथ ही पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है । सोमवार को भगवान शिव को जल अर्पित करने के अगले दिन मंगलवार को महिलाओं का मंगलागौर व्रत आता है । इस व्रत से महिलाएं देवी गौरी से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति, इच्छित…
Read Moreसुख-समृद्धि और संतान नाग पंचमी का वरदान
नाग पंचमी सावन में शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है । इस दिन नाग की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है, अकारण होने वाले भय से मुक्ति मिलती है और संतान दीर्घायु होती है । नाग पंचमी पर नागों या सर्पो को पूजने का महत्व यही है कि हम उनके कोप से बचे रहे । हमारा परिवार उनका शिकार न बने । हमारी संतान दीर्घायु हो । यो तो प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी नाग पंचमी कहलाती है, मगर…
Read Moreदेव शयनी एकादशी, श्रीहरि के शयन की एकादशी
देव शयनी एकादशी स्वयं भगवान विष्णु को भी प्रिय है । जो प्राणी इस दिन भगवान् विष्णु की विधिवत पूजा-अर्चना करके उन्हें शयन करवातें हैं, उन्हें शिवलोक और विष्णुलोक की प्राप्ति होती है आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी देव शयनी एकादशी, पद्मा तथा पद्मनाभा एकादशी के नाम से जानी जाती है । इस सम्बन्ध में पुराणों में वर्णित है कि भगवान श्रीकृष्ण धर्मराज युधिष्ठिर के प्रश्न करने पर कहतें हे, ‘ हे, धर्मराज, यह एकादशी समस्त एकादशियों में सर्व श्रेष्ठ, उत्तम, पावन तथा श्रीहरि को सर्वप्रिय हैं । यह एकादशी…
Read More