एक बार एक बार एक महिला संत ज्ञानेश्वर महाराज के पास अपने छोटे पुत्र को लेकर आई और उसने कहा, महाराज, इसे अपच की बीमारी है। मेने इसे कई दवाइयां दीं, किंतु उनका कुछ भी असर नहीं हुआ। ज्ञानेश्वर महाराज ने उससे कहा बहन, इसे कल ले आना। दूसरे दिन जब वह महिला अपने लड़के को उनके पास ले गई, तो उन्होंने लड़के से पूछा, ‘तू ज्यादा गुड़ खाता है ना ? बच्चे ने तुरंत सर हिलाते हुए कहा, हां। उसके द्वारा हां कहने पर उन्होंने कहा, ‘तू गुड़ खाना…
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हिंदी कहानियां (Hindi Kahaniyan)
नैतिक कहानी : फोटो खींची तो सच सामने था
घर से बाहर ऐसे ही टहल रही थी, तभी एक सत्रह – अठारह साल का लड़का मेरे पास आया और कहने लगा कि मेरे पापा बहुत बीमार हैं और उनका ऑपरेशन होना है। मगर मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि उनका इलाज करवा सकूं। मैडम अगर आप जैसे लोग कुछ मदद करें, तो शायद वे बच जाएँ। उसकी कहानी को सुन एक पल के लिए तो मैं भी भावुक हो गई थी। लेकिन पता नहीं मुझे उसकी बातों पर यकीन नहीं हो रहा था। मैंने उससे पूछा,’ क्या भीख…
Read Moreनैतिक कहानी: परेशानी में ऐसी कॉल सभी को आए
नैतिक कहानी: किसी काम से मैं दूसरे शहर जा रहा था। उस दिन पहले की अपेक्षा बस स्टॉप पर भीड़ ज्यादा थी। मन में आया कि जब तक भीड़ ना छट जाए एक कप चाय ही पी ली जाए। यह सोच एक चाय की दुकान पर जा बैठा। सावन का महीना था, इसलिए हर बस में कांवड़ियों की संख्या ज्यादा थी। जितनी बसें उस समय निकाली उसमें भोले की भोले भरे थे। उनकी कावड़ बसों की छतों पर लदीं थी। करीब आधे घंटे बाद एक बस आई जिसकी सीटें खाली…
Read Moreनैतिक कहानी : अब मैंने जाना, कर भला तो हो भला
नैतिक कहानी: बात उन दिनों की है, जब मैं एम्स में अपनी किडनी के इलाज के लिए भर्ती था। क्योंकि दवा काफी महंगी थी, इसलिए मेरे पास रखे पैसे लगभग खत्म होते जा रहे थे और मैं गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था। मेरी एक दवा तो ऐसी थी कि मात्र 10 टेबलेट के लिए मुझे पंद्रह सौ रूपए चुकाने पड़ते थे। उस दिन चेकअप करने के लिए डॉक्टर साहब आए और अचानक मेरी दवा बदल दी। मेरे पास उस दवा के पंद्रह टेबलेट बचे हुए थे। मेरे तो…
Read MoreHindi Kahaniya (Moral stories) | Short Moral Story In Hindi
Hindi Kahaniya (Moral stories) | Short Moral Story In Hindi | शिक्षाप्रद कहानियां एक मोरल स्टोरी एक प्रकार की कहानी होती है जो किसी सीख या नैतिक मूल्य को समझाने के उद्देश्य से लिखी जाती है। इसमें आमतौर पर ऐसे पात्र होते हैं जो किसी चुनौती या विवाद से जूझते हैं, और कहानी का पॉइंट पात्रों की कार्रवाई और उनके फैसलों के चारों ओर घूमता है। एक मोरल स्टोरी का उद्देश्य उस पाठक को एक नैतिक या नैतिक सबक प्रदान करना होता है जो उनके जीवन में लागू किया जा…
Read Moreनैतिक कहानी: किसी का उपहास करना ठीक बात नहीं
मेरा एक दोस्त बरेली में रहता है। वह काफी कुशाग्र है। जब भी मैं किसी परेशानी में आता हूं, तो वह मेरी मदद करता है। पर वह अपने ऊपर इठलाने वाले लोगों से काफी चिढ़ता है। कैरम के खेल में उसे महारत हासिल है। लेकिन इस बात का वह घमंड नहीं करता। एक बार वह मेरे शहर में आया था। हम दोनों दोस्त साथ-साथ खूब घूमते रहेते। एक दिन मेरी कॉलोनी में कुछ लड़के कैरम खेल रहे थे। हम दोनों टहलते हुए उनके पास खड़े होकर उनका खेल देखने लगे।…
Read Moreआध्यात्मिक कहानी । मैं हर जगह मौजूद हूं
एक दिन भगवान श्री कृष्ण,अपनी बहन द्रोपदी के साथ शाम की सैर कर रहे थे। द्रोपदी जी भगवान श्रीकृष्ण से बोली, ‘भैया, मैंने तो सुना है कि आप हर जगह मौजूद रहते हैं। पर उस समय आप कहां थे, जब दु:शासन मेरा चीर हरण कर रहा था?’ श्री कृष्ण पहले मुस्कराए और फिर बोले,’बहन, जब दु:शासन तुम्हारा चीर हरण कर रहा था, तब तुम अपनी साड़ी को दोनों हाथों से पकड़कर बचने का प्रयास कर रही थी। थोड़ी देर की जद्दोजहद के बाद जब तुम्हारा जोर नहीं चला, तो तुमने…
Read Moreनैतिक कहानी: दशहरे का मेला
दशहरे का मेला मुहल्ले के बच्चों के साथ माला भी दशहरे का मेला देखने गई। मेले में तरह-तरह के झूले व् सर्कस लगे थे। खिलौनों की दुकाने सजी हुई थी। रंग बिरंगे गुब्बारे तथा तरह-तरह की मिठाइयों से सजी दुकानें उसे बहुत अच्छी लगीं। वह चाट खाने के लिए ठेले के पास खड़ी हुई, तभी एक चोर उसका पर्स ले भागा। वह चाट भी नहीं खा पाई। सारे बच्चे जो उसके साथ गए थे, उसका साथ छोड़कर चल दिए। वे मिठाइयों, आइसक्रीम और समोसे का लुफ्त उठा रहे थे। अर्चना…
Read Moreदृष्टांत कथा: हतप्रभ हुए हनुमान
भगवान सर्वत्र व्याप्त है। यदि भावना निःस्वार्थ हो, तो प्रभु स्वयं ही भक्त के हो जाते है। ऐसा ही प्रसंग है रामायण का। जब भक्त प्रवर हनुमान संजीवनी बूटी लाने पर्वत गए थे। पर्वत की परिक्रमा पूरी करने के बाद भगवान हनुमान ने जैसे ही शीश झुकाया, उन पर आकाश से दिव्य सुगंधित पुष्पों की वर्षा होने लगी और दिव्य वाद्यों की कर्णप्रिय ध्वनि चरों ओर गूंजने लगी। उन्हें एक ममतामयी मधुर वाणी सुनाई पड़ी,’वत्स हनुमान, तुम्हारी जय हो। तुम्हारे कार्य सदा सुसम्पन्न होगें।’ हनुमान जी ने सिर उठाकर देखा…
Read Moreआध्यात्मिक कहानी । गुरु नानक और सच्ची सेवा
एक बार गुरु नानक देव जी यात्रा पर निकले। इस दौरान वह एक गांव में पहुंचे। उनके साथ उनके चार प्रिय शिष्य भी थे। जब नानक जी गांव में पहुंचे, तो उनका खूब स्वागत हुआ। उसी गांव में एक गरीब महिला रहती थी। उसने नानक को शिष्यों सहित अपने घर आने का निमंत्रण दिया। नानक जी तुरंत उस महिला के घर पहुंचे। नानक को अपने घर देखकर महिला की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने बड़े प्यार से उनके लिए शर्बत बनाया। पर उसके घर छन्नी नहीं थी। इसलिए उसने…
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