मोटिवेशनल कहानी: बीएससी प्रथम वर्ष की परीक्षा की तैयारी चल रही थी। कॉलेज में आधा से अधिक सिलेबस समाप्त हो चुका था । मगर मेरी पढ़ाई अभी भी अधूरी थी। पढ़ाई मुझे कठिन लग रही थी। चाहकर भी किसी विषय को पूरा नहीं कर पाया था। हमारे बॉटनी वाले त्रिपाठी सर बहुत अच्छा पढ़ाते थे और बीच-बीच में हंसाते भी रहते थे, ताकि बच्चे बोर न हों। एक दिन त्रिपाठी सर क्लास में आए और पढ़ाते पढ़ाते अचानक पूछ बैठे, आप लोगों में से कितने लोग नियमित अखबार पढ़ते हैं।…
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प्रेरणादायक कहानियां, Inspirational Stories in Hindi
नैतिक कहानी: किसी का उपहास करना ठीक बात नहीं
मेरा एक दोस्त बरेली में रहता है। वह काफी कुशाग्र है। जब भी मैं किसी परेशानी में आता हूं, तो वह मेरी मदद करता है। पर वह अपने ऊपर इठलाने वाले लोगों से काफी चिढ़ता है। कैरम के खेल में उसे महारत हासिल है। लेकिन इस बात का वह घमंड नहीं करता। एक बार वह मेरे शहर में आया था। हम दोनों दोस्त साथ-साथ खूब घूमते रहेते। एक दिन मेरी कॉलोनी में कुछ लड़के कैरम खेल रहे थे। हम दोनों टहलते हुए उनके पास खड़े होकर उनका खेल देखने लगे।…
Read Moreनैतिक कहानी: तमाचा
दफ्तर से लौट कर आने पर राहुल का चेहरा खिला-खिला न पाकर उसके पंडित मित्र दीनानाथ ने पूछा, ‘आज तू उदास क्यों है, मेरे यार?’ राहुल बोला, ‘आज मेरे दफ्तर के सामने वाली सड़क पर मेरी टक्कर एक ट्रैक्टर से हो गई। मैं तो किसी तरह बच गया, मगर….मगर।’ मगर क्या? दीनानाथ ने चौंक कर पूछा, मानो कि राहुल का बड़ा नुकसान हो गया हो। राहुल बोला, ‘मैं तो बच गया, लेकिन वह टैक्टर वाला मुझे बचाने के चक्कर में अपना संतुलन नहीं बना पाया और उसका ट्रैक्टर एक पेड़…
Read Moreनैतिक कहानी: दीपावली की खुशियां बांटूंगा
दीपावली के मौके पर मम्मी-पापा हमेशा हिदायत देते कि पटाखे छोड़ते समय हमेशा दूसरों की सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए। इन बातों से बेपरवाह मेँ पटाखे हाथ में लेकर छोड़ता और कभी कभी राहगीरों पर भी पटाखे जलाकर फेंक देता था। पिछले साल मेने ऐसा ही किया था। उस रात गली में हम पटाखे छोड़ रहे थे। कुछ देर तक पापा हमारे साथ खड़े रहे और फिर हमें हिदायत देते हुए अंकल के साथ घर में चले गए। हमारे मुहल्ले में कई लोगों का आवागमन चल रहा था। तभी एक…
Read Moreनैतिक कहानी: दशहरे का मेला
दशहरे का मेला मुहल्ले के बच्चों के साथ माला भी दशहरे का मेला देखने गई। मेले में तरह-तरह के झूले व् सर्कस लगे थे। खिलौनों की दुकाने सजी हुई थी। रंग बिरंगे गुब्बारे तथा तरह-तरह की मिठाइयों से सजी दुकानें उसे बहुत अच्छी लगीं। वह चाट खाने के लिए ठेले के पास खड़ी हुई, तभी एक चोर उसका पर्स ले भागा। वह चाट भी नहीं खा पाई। सारे बच्चे जो उसके साथ गए थे, उसका साथ छोड़कर चल दिए। वे मिठाइयों, आइसक्रीम और समोसे का लुफ्त उठा रहे थे। अर्चना…
Read Moreनैतिक कहानी: चूहा और गिलहरी
एक था चूहा और एक थी गिलहरी। चूहा शरारती था दिनभर ची ची करता हुआ मौज उड़ाता। गिलहरी भोली थी। टी टी करती हुई इधर-उधर घूमती रहती। एक दिन दोनों की मुलाकात हो गई। अपनी प्रशंसा करते हुए चूहे ने कहा, मुझे लोग मूषक राज कहते हैं। और गणेश जी की सवारी के रूप में जानते हैं। मेरे पैने-पैने हथियार सरीखे दांत लोहे के पिंजरे को तो क्या किसी भी चीज को काट सकते हैं। मासूम गिलहरी को यह बात सुनकर बड़ा बुरा लगा। बोली, भाई तुम दूसरों का नुकसान…
Read Moreनैतिक कहानी: जैसे को तैसा
एक बार की बात है। एक गांव में गरीब किसान रामू रहता था। उसकी दो बेटियां थी। जब वह अपनी पहली पुत्री का विवाह कर रहा था, तो उसे कुछ बर्तनों की आवश्यकता पड़ी। उसने पास के एक साहूकार से किराए पर कुछ बर्तन ले लिए। विवाह के बाद उसने साहूकार के बर्तन वापस कर दिए, जिनके साथ किसान के छोटे-छोटे बर्तन भी चले गए। जब वह किसान अपने छोटे बर्तनों को लेने गया, तो साहूकार ने कहा, ‘नहीं, ये तो मेरे बर्तनों के छोटे बच्चे हैं।’ यह कहकर उसने…
Read Moreनैतिक कहानी: अंधविश्वास बनाम आत्मविश्वास
बात काफी पहले की है। मेरे गांव में एक पंडित जी रहते थे। वह हमेशा लोगों को मूर्ख बनाकर अपना उल्लू सीधा करते थे। एक दिन उन्होंने लोगों को बताया कि कल के दिन प्रातः से सायंकाल तक जो कोई भी गंगा स्नान करेगा, वह पत्थर का हो जाएगा। दूसरे दिन सुबह से ही पंडित जी और गांव वाले नदी के किनारे खड़े थे। जो कोई भी आता, उसे तुरंत रोक दिया जाता। यह कहकर कि पानी में स्नान करने से तुम पत्थर के बन जाओगे। ऐसा करते-करते दोपहर तक…
Read Moreप्रेरणादायक कहानी – क्योंकि मैं भी एक मां हूं
मैं शॉपिंग करने मॉल गई थी । शापिंग करते वक्त मैंने देखा कि 14-15 साल का किशोर सेल्स गर्ल से उलझ रहा था । थोड़ी देर बाद वह बिल काउंटर पर गया, लेकिन शायद वहां भी उसकी बात नहीं सुनी गई । वह पुनः आकर सेल्सगर्ल से अनुरोध करने लगा । उसने भी उसे अनदेखा कर दिया । आखिरकार मुझसे रहा नहीं गया मैंने सेल्स गर्ल से घटना की बाबत पूछा तो वह बिफर गई। वह बोली, मैडम हमने तो पहले ही डिस्काउंट दे रखा ह। हम इससे ज्यादा डिस्काउंट…
Read Moreदुर्भाग्य एक प्रेरणादायक कहानी
आज राधेश्याम बहुत खुश था । उसे बहुत दिनों के बाद मेहनत का फल मिल गया था । उसे बाराणसी के एक विद्यालय में बतौर अध्यापक निक्युत कर लिया गया था । राधेश्याम की ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं था । अगले ही दिन वह अपनी माँ से आशीर्वाद लेकर मंजिल की और चल पड़ा । वह वाराणसी जाने वाली बस में सवार हो गया । तभी रस्ते में बस की टक्कर एक ट्रक से हो गई अन्य यात्री के साथ राधेश्याम को भी चोटें आयीं । जब उसे होश…
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