हस्त रेखा से जाने शनि ग्रह का प्रभाव दुष्प्रभाव
शनि की शुभता अशुभता को कुंडली के अलावा हाथ की लकीरों एवं पर्वतों को देखकर भी आसानी से जाना जा सकता है
अगर किसी जातक के हाथ में शनि रेखा सबल हो और शनि पर्वत उन्नत अवस्था में हो, तो शनि की कृपा उसे मिलती है । विशेषकर यदि किसी के पास जन्मकुंडली ना हो, तो वह भी हाथों की लकीरों से शनि के शुभ प्रभाव एवं दुष्प्रभाव को जान सकते हैं । हाथ की सबसे बड़ी उंगली, जिसे मध्यमा कहते हैं, उसे ही सामुद्रिक शास्त्र (हस्त रेखा विज्ञान) में शनि की उंगली कहते हैं । शनि की मध्यमा उंगली के ठीक नीचे का स्थान शनि पर्वत का होता है । शनि रेखा को भाग्य रेखा भी कहते हैं । मध्यमा उंगली और शनि पर्वत पर शनि रेखा की शुभाशुभ स्थिति देखकर शनि का फल जाना जा सकता है ।
अगर हथेली पर शनि पर्वत थोड़ा दबा हुआ हो और हथेली की चमड़ी खराब हो, तो यह शनि के अनिष्ट प्रभाव को दर्शाता है । जिस व्यक्ति के हाथ में शनि की अंगुली सीधी और लंबी हो, तो यह उसके सौभाग्य का संकेत देती है । यदि बीच वाली मध्यमा अंगुली टेढ़ी-मेढ़ी हो, तो व्यक्ति अपने गुणों का सदुपयोग नहीं कर पाता हैं और वह हमेशा दुर्भाग्य शाली ही माना जाता है । अगर किसी व्यक्ति पर शनिदेव नाराज हो और उस की साढ़ेसाती या ढैया आदि चल रही हो, तो सबसे पहले उसके हाथ को देखना चाहिए ।
यदि शनि पर्वत अच्छा हो, साथ ही शनि का प्रतिनिधित्व करने वाली हाथ की मध्यमा उंगली सीधी, लंबी और निर्दोष हो, तो उस व्यक्ति को शनि से डरने की आवश्यकता नहीं है । पर यदि शनि पर्वत थोड़ा कमजोर हो, तो शनि के उपाय करने चाहिए । दरअसल शास्त्रों में शनि देव का प्रभाव बताया गया है और साथ ही यह भी कहा गया है कि शनि व्यक्ति को परेशान नहीं करते, बल्कि उसकी कठिन परीक्षा लेते हैं ।
शनि ग्रह का प्रभाव
फिर जब वह ब्यक्ति उनकी परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाता है, तो उसे पुरस्कार भी देते हैं । आज भी इनका बहुत अधिक प्रभाव है, तभी तो उन्हें ना मानने वाले लोग भी हाथ में सोने चांदी की अंगूठियों के साथ लोहे का छल्ला पहने देखे जाते हैं । यह शनि का प्रभाव ही है की सोने चांदी के आभूषण धारण करने वाला व्यक्ति भी लोहा धारण करने को विवश हो जाता है ।
शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव से बचने के कुछ उपाय
यदि शनि कुंडली में दुर्भाग्य स्थान में हो, तो उसके समाधान के लिए शनि के बीच वाली मध्यमा उंगली में काले घोड़े की नाल या नाव की कील का छल्ला धारण करना चाहिए । य अगर आप रत्न या पत्थरों में यकीन करते हैं, तो कुंडली के अनुसार नीलम धारण करना चाहिए । यदि किसी व्यक्ति को ऐसा प्रतीत हो कि उसके कार्यों में शनि के कारण बाधा आ रही है, तो उसे शनि से संबंधित उपाय भी करने चाहिए