हमारी भाव-भंगिमाएं है कि हमारा परिचय होती है, जैसे कि हमारी चाल, पढ़ने का तरीका आदि।
व्यक्ति की चाल बताती है स्वभाव
1). यदि कोई व्यक्ति हाथ खोलकर, हाथ हिलाते हुए चलता है,तो वह व्यक्ति बहुत ही संवेदनशील तथा आत्मविश्वासी है। वह नए काम से घबराता नहीं है।
2). अगर कोई व्यक्ति अपने हाथों को बगल में बांधकर या सटाकर चलता है, तो इसका अर्थ यह है कि वह जरूरत से ज्यादा स्वाभिमानी है। ऐसे लोग किए गए वादों तथा वचनों को पूरा करने की कोशिश करते हैं।
3). अगर किसी व्यक्ति के हाथ चलते समय खुले रहते हैं, पर हिलते नहीं है, तो इसका मतलब है कि वह व्यक्ति गंभीर है। इनके भीतर मस्तिष्क में हमेशा कोई न कोई विचार चलता ही रहता है।
4). अगर कोई व्यक्ति हाथ खोल कर चलता है और चलते समय उसके दोनों हाथों की मुठ्ठियाँ बंद रहती हैं, तो यह भीतर छुपी विभिन्न प्रतिभाओं को दर्शाता है। ऐसे लोग देर – सबेर अपने लक्ष्य को पा लेते हैं।
5). अगर चलने के दौरान किसी की आंखें तथा चेहरा है ज्यादा ही इधर-उधर हिलते रहते हैं, तो इससे ज्ञात होता है कि ऐसे व्यक्ति हमेशा कुछ नया करने के लिए प्रयासरत हैं। इनमें लोगों को जांचने तथा भांपने की कला बेहतर होती है।
6). अगर कोई व्यक्ति नजर झुकाकर कर चलता है, तो इसका अर्थ है कि उसमें आत्मविश्वास की कमी है। वे लोगों से ज्यादा घुलना मिलना पसंद नहीं करते।
पढ़ने का तरीका भी बताता है स्वभाव
जिस तरह लिखने व बोलने का तरीका हमारे भीतर छुपे गुण – अवगुण को बता सकता है, उसी तरह पढ़ने के तरीके से भी व्यक्ति के स्वभाव का पता किया जा सकता है।
1). जो जातक बोल – बोल कर पढ़ते हैं, वे सिर्फ कहने के लिए आत्मविश्वासी होते हैं। ये हमेशा स्वयं को असुरक्षित मानते हैं। ये ऐसे मौके ढूंढते रहते हैं, जहां स्वयं को बढ़ा चढ़ाकर दिखाए।
2). बिना आवाज या शोर के किताब पढ़ने वाले व्यक्ति गंभीर एवं संवेदनशील स्वभाव के होते हैं। इनकी बातों में दम होता है। ये वक्त के पाबंद भी होते हैं।
3). कभी बोलकर पढ़ने या कभी चुपचाप पढ़ने वाले जातक मुड़ी, अस्थिर, स्वछंद, चंचल स्वभाव और अपनी धुन के पक्के होते हैं।
4). जो जातक किताब को शुरू से अंत तक पढ़ना पसंद करते हैं, वह शांत एवं धैर्यशील होते हैं। इन्हें कोई भी चीज अधूरी नहीं भाती। ये जिंदगी को बहुमूल्य समझते हैं।
5). जो जातक कुछ भी पढ़ने के लिए आखिर पन्ने से पढ़ना शुरू करते हैं, अशांत एवं जल्द बाज होते हैं और जीवन को अपने ढंग से देखते हैं।
6). जो जातक जल्दी-जल्दी पढ़ते हैं, वह जल्दबाज होने के साथ ही विद्वान भी होते हैं।