बाथरूम में व्याप्त वास्तु दोष को दूर करने के उपाय

बाथरूम में व्याप्त वास्तु दोष को दूर करने के उपाय

स्वच्छ रहे बाथरूम तो भाग्य जागेगा

 
बाथरूम के निर्माण में यदि कोई वास्तु दोष रह गया हो, तो इससे घर की बरकत रुक जाती है । अगर आप इससे बचना चाहते हैं, तो इसे स्वच्छता, बेहतर रंग और साज-सज्जा से अनुकूल बना सकते हैं ।

आजकल बाथरूम और शौचालय साथ-साथ बनाने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है । ऐसे में वास्तु नियमों को नजरअंदाज करना भी आम बात हो गई है । बाथरूम (जो पानी तत्व का प्रतिनिधित्व करता है) मैं यदि कोई दोष हो, तो इससे घर की सुख-समृद्धि में कमी होने लगती है । अनावश्यक खर्च बढ़ जाते हैं । घर की बरकत रुक जाती है और आपसी संबंधों में कटुता भी आने लगती है । वैसे देखा जाए, तो गृह निर्माण के दौरान भी लोग बाथरूम और शौचालय को ज्यादा महत्व नहीं देते । यदि आप बाथरूम के दोष से होने वाले प्रभावों से बचना चाहते हैं, तो इसके निर्माण में वास्तु नियमों का ध्यान जरूर रखें । इससे न सिर्फ घर में खुशियां आएंगी बल्कि आपका भाग्य भी जागेगा ।

● किसी भी भवन में शौचालय पूर्व आग्नेय से लेकर उत्तर वायव्य तक कहीं भी बनाया जा सकता है । ध्यान रहे, भवन के ईशान कोण या मध्य में कहीं भी शौचालय बनाना अशुभ होता है, विशेष रूप से ईशान में । यह शौचालय होने से आर्थिक एवं स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ जाती हैं ।

● नहाने के लिए बाथरूम उत्तर या पूर्व दिशा मैं बनवा सकते हैं । जहां पानी के नल या सावर उत्तर या पूर्व की दीवार में लगवाएं ।

● कभी भी घर के बीचोंबीच बाथरूम नहीं बनवाना चाहिए । यह बाथरूम स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है ।

● किचन की विपरीत दिशा में ही बाथरूम सही नहीं होता । क्योंकि किचन अग्नि का प्रतीक है और बाथरूम पानी का । याद रहे, अग्नि और पानी का मेल घर में हमेशा कलह ही करवाता है ।

● मुख्य दरवाजे के सामने भी शौचालय नहीं होना चाहिए । यह स्थिति आने वाले संभावनाओं को रोकती है ।

● दक्षिण-पश्चिम दिशा में यदि शौचालय स्थित हो । तो इससे प्रेम-संबंध प्रभावित होता है । विशेषकर पति-पत्नी के रिश्ते में कड़वाहट आती है । यदि विवाह योग संतान हो, तो उस के विवाह में विलंब होता है ।

बाथरूम को वास्तु दोष से बचाने के लिए क्या करें

● बाथरूम में व्याप्त वास्तु दोष को दूर करने के लिए बेहतर रंग, पौधे और प्राकृतिक रोशनी का प्रबंध करें । साथ ही साथ यहाँ बेकार पड़ी चीजों को भी हटा दें ।

● बाथरूम में हरे और ब्लू रंग को प्राथमिकता दें । ब्लू रंग जल तत्व का प्रतीक है, जो स्वच्छता और शुद्धता को ही दर्शाता है । वही हरा रंग जीवन का प्रतीक है । बाथरूम या शौचालय में इन रंगों को प्रमुखता दें । ताकि हर समय ताजगी का अहसास हो । यहाँ आप इनडोर प्लांटस भी लगा सकते हैं ।

● बाथरूम के दरवाजे को हमेशा बंद करके रखें । अन्यथा घर की ची ऊर्जा प्रभावित होती है ।

●बाथरूम में खराब पड़े नल और फ्लश, जिन से पानी टपकता हो, को तुरंत ठीक करवाएं । जल तत्व को संतुलित करने के लिए आप रंग-बिरंगे पत्थरों से भरे बाउल को रख सकते हैं ।

● बाथरूम की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने हेतु बाउल या तश्तरी में 3 चम्मच समुद्री नमक खिड़की पर रखें ।

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