जानिए, श्वेतार्क गणपति का उपयोग व महत्वा

श्वेतार्क गणपति करें मंगल ही मंगल

श्वेतार्क गणपति करें मंगल ही मंगल

 
यूं तो मंगल करता गणेश हर रूप में भक्तों का कल्याण करते हैं । पर गणेश आराधना में श्वेतार्क गणपति का विशेष महत्व है । इनकी कृपा से घर में धन धान्य का अभाव नहीं रहता

महर्षि अगस्त्य के अनुसार, जीवन के सभी विघ्नों को दूर कर सुमार्ग दिखाने वाले श्री गणेश जी की पूजा में श्वेतार्क की जड़ श्रेष्ठ सामग्री है । जिस घर में श्वेतार्क गणपति की नित्य पूजा होती है, वहां कभी धन और खाने-पीने की कमी नहीं होती है ।

क्या है श्वेतार्क गणपति

यहां श्वेतार्क का अर्थ है सफेद रंग के आक का पौधा । आमतौर पर जो आक का पौधा हमें देखने को मिलता है, उस पर बैंगनी रंग के फूल लगते हैं । परंतु आक का एक ऐसा पौधा भी है, जिस पर सफेद रंग के फूल खिलते हैं । हालांकि यह बहुत ही दुर्लभ पौधा है । इसके नीचे के भाग में गणेश जी की मूर्ति के समान आकृति दिखाई देती है । उस आकृति को पौधे से काटकर श्वेतार्क गणपति की प्रतिमा बनाई जाती है । जैसे श्वेतार्क गणपति के नाम से जानते हैं । धार्मिक व तांत्रिक दृष्टि से श्वेतार्क गणपति का विशेष महत्व है ।

पहले अभिमंत्रित करें

घर में गणेश जी को स्थापित करने से पहले उन्हें विधिवत अभीमन्त्रित करना जरूरी होता है । तभी उसका लाभ प्राप्त होता है । इसके बाद श्वेतार्क की जड़ पर सिंदूर का लेप करके उसे लाल वस्त्र के आसन पर स्थापित करें फिर उसे साक्षात गणेश जी मानकर उसकी विधिवत रोजाना पूजा करें । इस प्रयोग से घर में धन का अभाव नहीं रहता ।

* अभिमंत्रित आक की जड़ को घर लाएं और उसे ‘ॐ गं गणपतए नमः’ मंत्र द्वारा सिद्ध कर ले । फिर उस जड़ से निर्मित गणपति प्रतिमा का पूजन करें । इस प्रयोग से सुख-समृद्धि ऐश्वर्य में वृद्धि होती है ।

* अभिमंत्रित श्वेतार्क की जड़ को ताबीज में पहनने से भी लाभ मिलता है । इससे मनचाही इच्छा पूर्ण होती है ।

* श्वेतार्क की जड़ को जल में घिस कर सर्प या बिच्छू के काटे स्थान पर लगा दे । इससे विष का प्रभाव कम हो जाता है ।

* श्वेतार्क की जड़, भृंग राज एवं गोरोचन को पीसकर गाढ़ा पेस्ट बना लें । इस पेस्ट को नियमित ललाट पर लगाने से मन शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है ।

* श्वेतार्क जड़ का चूर्ण बनाकर अपने पास रख ले । फिर इस चूर्ण को शुद्ध घी के साथ खाएं । अगर आप के ऊपर बुरी नजर का असर है, तो इस से दूर हो जाता है ।

* अभिमंत्रित श्वेतार्क की जड़ को कोई पुरुष यदि अपने दाएं हाथ पर बांधे तो उसके सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है । व्यापार अदि में घाटा हो रहा हो, तो उसमें भी लाभ मिलता है ।

* मान्यता है कि श्वेतार्क की जड़ को कस्तूरी के साथ पीसकर उसका अंजन करने वाले व्यक्ति की आध्यात्मिक शक्ति मजबूत होती है ।

* रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र में श्वेतार्क की जड़ को लाकर धन स्थान, तिजोरी या अन्य भंडार क्षेत्र में रखें । इससे धन घन्य में वृद्धि होती है ।

* श्वेतार्क की जड़ में खैर, अपामार्ग, पीपल, गूलर, शमी, दूर्वा एवं कुश अदि की जड़ को मिलाकर पीतल की एक छोटी-सी डिब्बी में रख दे । इस डिब्बी को पूजा स्थान के पास रख दे । फिर उसका नित्य अगरबत्ती दिखाकर पूजन करने वाले मनुष्य को हर कार्य में सफलता मिलती है ।

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