सूर्य पूजा के लाभ
सूर्य की विभिन्न तरह से पूजा की जा सकती है । इनकी पूजा से भक्तों को आरोग्यता भी मिलती है और तेजस्विता भी बढ़ती है। इनके मंत्र सौभाग्य लाने में प्रभावशाली हैं ।
आदि काल से भारतीय संस्कृति में सूर्य की पूजा अर्चना की जाती है, जिससे मनुष्य के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है । पूजा का मुख्य उद्देश्य शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक उन्नति तथा आरोग्य की प्राप्ति था । आयुर्वेद के श्रेष्ठ आचार्य महर्षि चरक ने भी दैवी चिकित्सा के अंतर्गत सूर्य उपासना को सर्वोपरि माना है । सूर्य की रश्मियों में अनंत ऊर्जा स्फूर्ति तथा समस्त रोगों को नष्ट करने की क्षमता होती है । जलवायु, भूमि, वनस्पति औषधि तथा प्राणियों के तन मन को शुद्ध तथा पुष्ट करने का कार्य सूर्य की किरणों द्वारा निरंतर होता रहा होता आ रहा है । सूर्य किरणों में स्थित सप्तरंग शरीर में स्थित रस रक्तादि रस धातुओं को प्रभावित करते हैं । अन्न से आहार रस का निर्माण करने वाली जठराग्नि के अतिरिक्त इन रस धातुओं की अलग-अलग धात्वाग्नियां होती हैं, जो धातुओं का अर्थात रसाग्नि रक्ताग्नि आदि का निर्माण करती हैं, जिससे मानव जीवन सुचारु रुप से संचालित होता है ।
शास्त्रों में सूर्य पूजा के कई लाभ बताए गए हैं । साथ ही विभिन्न तरीकों से भी सूर्य देवता को प्रसन्न करने की बात कही गई है । जानते हैं इन तरीकों को जिनसे सूर्य की आराधना भी होती है और हमें स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है । सूर्य को अर्घ देते हुए उनकी आराधना करना सर्वथा लाभकारी है । इस दौरान सूर्य किरणें हमारे सिर से पैर तक पड़ती हैं और जल चिकित्सा भी होती है । अर्घ देते समय सूर्य मंत्र का वाचन या सूर्य आदित्य स्त्रोत पढ़ना लाभकारी मना जाता है ।
सूर्योदय के समय अपने शरीर की नाभि प्रदेश को खुला रखकर सूर्य की ओर मुख करके इस तरह बैठे की नाभि पर सूर्य की किरणें पड़ें । तत्पश्चात आंख मूंदकर ॐ ॐ का जप करते हुए सूर्य किरणों का आह्वान करने से शरीर में तेजोमय सूर्य की शक्ति का संचार तथा मणिपुर चक्र का विकास होता है तथा जठराग्नि प्रदीप्त होती है एवं बुद्धि विकसित होती है । इस दौरान आप ॐ घृणि: सूर्याय नम: का जाप करें, तो आपको विशेष लाभ होगा सूर्य नमस्कार करने से हमारी तेजस्विता में भी वृद्धि होती है ।
अगर आपकी कुंडली में सूर्य दोष है, तो आप प्रतिदिन सूर्य नमस्कार के साथ ही सूर्य मंत्र का जप करें, तो लाभ होगा ।
रवि को सूर्य का दिन माना जाता है । यदि संभव हो, तो इस दिन नमक रहित भोजन करें ।
सूर्य से संबंधित वस्तुएं जैसे तांबा, गेहूं सोना लाल रंग की वस्तुएं दान में दें । सूर्य का बीज मंत्र हर रविवार को कम से कम 7000 बार जप करें शीघ्र लाभ होगा । आप चाहे तो एक मुखी या बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करें ।