आरोग्यता में ईश्वर भक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है । दरअसल हमारी कई बीमारियों की वजह हमारे अंदर ही मौजूद रहती है । चिकित्सकों और महापुरषों ने भी आरोग्य रहने में भगवद भजन को श्रेष्ठ बताया हैं । किसी भी बीमारी से जब बड़े-बड़े चिकित्सक असफल हो जाते हैं, तो कहते हैं कि अब दुआ का ही सहारा है । काफी हद तक यह सच भी है क्योंकि प्रसिद्ध पुस्तक थियोलॉजिया जर्मेनिका में भी उल्लेख है कि मनुष्य जैसे ही आत्मस्थ होकर ईश्वर सानिध्य में तल्लीन हो जाता है, वैसे…
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