जप के लिए आसन:- मंत्र जप आधे घंटे से लेकर प्रारम्भ करना चाहिए पदम, सिद्ध सुखासन अथवा स्वस्तिक आसन पर बैठो । धीरे धीरे करके मंत्र जप का समय बढाते जाओ और तीन घंटे तक कर दो लगभग एक साल के अन्दर तुम को – आसन-सिद्धि प्राप्त हो जायेगी, अर्थात् तुम्हें उस विशेष श्रासन पर बैठने से कष्ट नहीं प्रतीत होगा । सुम स्वाभाविक रूप से ही उस आसन पर बैठ जाया करोगे । शरीर को किसी भी सरल तथा सुखपूर्वक अवस्था में स्थिर रखने को आसन कहते हैं-स्थिरम सुखमासनम्…
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