प्रेरणाप्रद आध्यात्मिक दृष्टांत एक राजा के पास राजा के गुरु आये । राजा ने बड़ा आदर सत्कार किया । एक बड़ी सर्वरा की थाली लेकर सुंदर रेशमी कपड़े और रेशमी जूता और धन थाली में डालकर गुरुदेव के सम्मुख रखा । तब गुरुदेव ने कहा राजन यह सामान किस के लिए है तब राजा ने कहा प्रभु यह आपके अर्पण हैं । तब गुरु ने मन ही मन सोचा हम संन्यासी हैं । हमारा इस सामान से क्या लेना-देना । चलो इस बदले राजा को कुछ विचार देना चाहिए…
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