जानें, सत्संग जरूरी क्यों ?

{ सत्संग की आवश्यकता } सत्संग :- जीवन सदैव परिवर्तनशील है जीवन सुखद परिस्थितियों में सुख के भाव से बंध कर सुख को स्थायी करने के प्रयास से संघर्ष करता रहता है । जब वो सफल नहीं हो पता तो उदासी अकेलेपन, दुख और भय से घिर जाता है ऐसे अंधकारमय जीवन रुपी कमरे में सत्संग किसी झिर्री (सुराग, छेद) से आती हुई धुप के समान है जो अंधेरे कमरे में प्रकाश बिखेर कर अँधेरा दूर करती रहती है । अतः जीवन रुपी कमरे में सत्संग रुपी धूप आने के…

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