संस्कृत अव्यय की परिभाषा एवं अर्थ जिन शब्दों में लिंग, वचन, कारक आदि से कभी भी कोई परिवर्तन नहीं होता है, वे अव्यय शब्द कहे जाते हैं। सदृशं त्रिषु लिंगेषु सर्वासु च विभक्तिषु। वचनेषु च सर्वेषु यत्रास्ति तदव्ययम् ।। जो तीनों लिंगों (पुल्लिंग, स्त्रीलिंग, नपुंसकलिंग), सभी विभक्तियों (प्रथमा से सप्तमी) सब वचनों (एकवचन, द्विवचन, बहुवचन) के अनुसार घटे-बढ़े नहीं, वह अव्यय है। अतएव अनुवाद करते समय इनके रूप नहीं चलाने पड़ते। वे वाक्य में ज्यों के त्यों रख दिये जाते हैं। कुछ उपयोगी अव्यय नीचे लिखे जा रहे हैं- संस्कृत…
Read More