दृष्टांत कथा: आचरण का प्रभाव होता ही है

दृष्टांत कथा: आचरण का प्रभाव होता ही है

एक बार एक बार एक महिला संत ज्ञानेश्वर महाराज के पास अपने छोटे पुत्र को लेकर आई और उसने कहा, महाराज, इसे अपच की बीमारी है। मेने इसे कई दवाइयां दीं, किंतु उनका कुछ भी असर नहीं हुआ। ज्ञानेश्वर महाराज ने उससे कहा बहन, इसे कल ले आना। दूसरे दिन जब वह महिला अपने लड़के को उनके पास ले गई, तो उन्होंने लड़के से पूछा, ‘तू ज्यादा गुड़ खाता है ना ? बच्चे ने तुरंत सर हिलाते हुए कहा, हां। उसके द्वारा हां कहने पर उन्होंने कहा, ‘तू गुड़ खाना…

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दृष्टांत कथा: हतप्रभ हुए हनुमान

भगवान सर्वत्र व्याप्त है। यदि भावना निःस्वार्थ हो, तो प्रभु स्वयं ही भक्त के हो जाते है। ऐसा ही प्रसंग है रामायण का। जब भक्त प्रवर हनुमान संजीवनी बूटी लाने पर्वत गए थे। पर्वत की परिक्रमा पूरी करने के बाद भगवान हनुमान ने जैसे ही शीश झुकाया, उन पर आकाश से दिव्य सुगंधित पुष्पों की वर्षा होने लगी और दिव्य वाद्यों की कर्णप्रिय ध्वनि चरों ओर गूंजने लगी। उन्हें एक ममतामयी मधुर वाणी सुनाई पड़ी,’वत्स हनुमान, तुम्हारी जय हो। तुम्हारे कार्य सदा सुसम्पन्न होगें।’ हनुमान जी ने सिर उठाकर देखा…

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