होलिका दहन का विशेष महत्व- रंगो का त्योहार कहा जाने वाला होलिकोत्सव पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है । पहले दिन यानि फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका जलाई जाती है, जिसे होलिका दहन कहते हैं । मान्यता है कि इससे दुष्ट आत्माओं का नाश होता है और वातावरण में शुद्धता आती है । इस दिन छोटे बड़े सभी एक दूसरे पर रंग, अबीर और गुलाल डालकर गले मिलते हैं । पुराणों के अनुसार असुरराजा हिरण्यकशिपु की बहन, जिसे अग्नि द्वारा न जलने का वरदान प्राप्त था…
Read More