तुम हृदय-कमल ( अनाहत चक्र ) पर अपने चित्त को स्थिर कर एकाग्र करो, या दोनो भ्रकुटीओ के मध्य का स्थान आज्ञा चक्र कहलाता है उस पर करो । हठयोंगियो के अनुसार आज्ञा चक्र मस्तिष्क का स्थान है । यदि कोई मनुष्य आज्ञा चक्र पर चित्त को लगा कर उसे एकाग्र कर लेता है तो उसका मस्तिष्क सुगमता से उसके वश में हो जाएगा । अपने स्थान पर बैठ जाओ । आँखे बन्द कर लो और जप तथा ध्यान करना आरम्भ कर दो । जब कोई दोनों भृकुटिओ के बीच…
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