वह रोज भीख मांग कर अपना गुजारा चलाता था । एक दिन उसे शहर में एक बुद्धिमान अमीर का पता चला, जिसे अपने धन पर घमंड भी था । वह उसके दर पर पहुंच गया । वह अमीर से बोला, ‘मैंने आपकी बुद्धि और दया के किस्से सुने हैं । इसी आशा से आपके पास आया हूं ।’ अमीर बोला, ‘बाबा मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूं?, भिखारी बोला, ‘ऐ मालिक आप इस पूरी धरती में जिसे सबसे ज्यादा अनमोल समझते हैं, उसे मेरे कटोरे में डाल दीजिए ।’…
Read More