ह्वेनसांग भारत का परिभ्रमण कर जहाज से वापस चीन जा रहा था । उसेके साथ ग्रंथों से भरी एक पेटिका भी थी । जहाज अभी कुछ ही दूर गया था की तूफान मैं फंस गया । जहाज के डगमगाने पर प्रधान नाविक ने यात्रिओं से फालतू सामान बिना देर किये समुद्र में फेकने की अपील की । तत पश्चात नाविक ने ह्वेनसांग को भी उसे पेटिका को फेकने को कहा । ह्वेनसांग असमंजस में पड़ गया क्योंकि यह उसकी भारत यात्रा की एक मात्र पूंजी थीं । इसलिए उसने उस…
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शिक्षाप्रद कहानी । तब मैंने जाना पानी का मोल
बात चार साल पहले की है । मैंने इंटर पास करके स्नातक मैं दाखिले के लिए फॉर्म भरा था, जिसकी प्रवेश कक्षा के लिए हमें पटना जाना था । सुबह नौ बजे की ट्रैन थी । हमने सारी तैयारी कर ली थी । पर हमें बहार का खुला पानी पीने की आदत नहीं थी, इसलिए बोतल मैं घर का पानी भी भर लिया था । उस दिन गर्मी का प्रकोप कुछ अधिक था । जब ट्रैन चल पड़ी और थोड़ी देर के बाद हमें प्यास लगी, तब हमें पता चला…
Read Moreशिक्षाप्रद कहानी । सादगी ही मनुष्य का आभूषण है
महान पुरुषों का एक प्रमुख गुण सादगी माना जाता है । देश के चर्चित प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी इतने ऊंचे ओहदे पर होने के बाद भी एक सहिष्णु एवं सादगी पूर्ण जीवन जीते थे । उनके जीवन की कई ऐसी घटनाएं हैं, जो आज भी हमारे लिए प्रेरणादाई हैं । ऐसी ही एक घटना है । एक बार वह कार से कहीं जा रहे थे । रास्ते में खेतों का हरियाली पूर्ण दृश्य काफी मनोहर लग रहा था । अचानक उनकी नजर चने के खेत पर पड़ी । उन्होंने…
Read Moreशिक्षाप्रद कहानी: जब झेप गया बिगड़ैल आदित्य
शिक्षाप्रद कहानी: मेरे पड़ोस में रहने वाले आदित्य को खुद पर बहुत घमंड था । वह अपने पिता का इकलौता पुत्र था इसलिए घर में उसे बड़ा दुलार मिलता था । वह किसी से विनम्रता से बात नहीं करता था । अपने से बड़ों के साथ थी वह बदतमीजी करता रहता था । जो उसकी बात नहीं मानता था, उसे मारता भी था । बाइक तो कभी भी 60 से कम नहीं चलती थी । जब वह गाड़ी लेकर सड़क पर आता था, तो लोगों की दिल की धड़कनें बढ़…
Read Moreआध्यात्मिक कहानी । दूसरों के लिए गड्ढा खोदोगे, तो खुद गिरोगे
एक भक्त कई वर्षों से भगवान की नित्य प्रार्थना कर रहा था । एक दिन भगवान उसकी प्रार्थना से खुश हो गये, और उसे दर्शन दिए । वह भक्त से बोले, “मैं तुझ से प्रसन्न हूं, जो भी चाहे वरदान मांग लो । पर एक शर्त है कि तू जो मांगेगा, उससे ठीक दूना पड़ोसी को मिलेगा ।” अब भक्त सोच में पड़ गया । उसका वर मांगने का उत्साह ही फीका पड़ गया । वह तो सोच रहा था कि वर लेकर पड़ोसियों को पीछे कर दूंगा । यहां…
Read Moreशिक्षाप्रद कहानी । कम नहीं हुआ पिता का प्यार
उन दिनों शहर में स्थित एक वृद्ध आश्रम में नौकरी कर रहा था । एक दिन अश्वनी नाम का एक मित्र मेरे पास एक वृद्ध के साथ आया उसने कहा इनका अपना कोई नहीं है । यदि उन्हें यहां जगह मिल जाए तो कल्याण हो जाएगा । मैंने तुरंत प्रबंधक से कहकर उन्हें ठिकाना दिला दिया और उनके थैले को अलमारी में सुरक्षित रख दिया । कुछ दिनों के बाद उनकी मृत्यु हो गई । पता चला कि उन्हें रक्त कैंसर था, जिसकी अंतिम अवस्था चल रही थी । आश्रम…
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