शुद्ध सात्विक और स्वास्थ्यप्रद भोजन करने से न सिर्फ शारीरिक विकास सही रहता है, बल्कि हमारी सोच भी इससे प्रभावित होती है । संयमित जीवन के लिए स्वस्थ आहार यानी खानपान की आवश्यकता होती है । कहते हैं, जैसा खाओगे,वैसा ही सोचोगे । भोजन यदि जीवन रक्षा के लिए किया जाए, तो वह आनंदप्रद होता है, अन्यथा उसके द्वारा अधिक से अधिक जितनी हानि हो सकती है, होती है । वास्तव में हमें जीने के लिए खाना चाहिए, ना कि खाने के लिए जीना । जो लोग खाने के लिए…
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