बच्चे के अच्छे भविष्य के लिए सही दिशा में रखें बच्चों का कमरा
बच्चे का कमरा पूर्व दिशा में होना चाहिए। इसे विकास की दिशा कहते हैं। बच्चे के कमरे में सूरज की रोशनी भी आनी चाहिए जैसे फूलों को खिलने के लिए सूरज की रोशनी की जरूरत होती है, वैसे ही बच्चों के सही विकास के लिए भी सूरज की रोशनी जरूरी है। बच्चे का कमरा, घर के ऐसे हिस्से में होना चाहिए, जहां सूरज की रोशनी आ सके। कमरे में ‘यीन’ की तुलना में ‘यांग’ ऊर्जा का प्रभाव ज्यादा होना चाहिए। दूसरे शब्दों में बच्चे का कमरा जीवन की संभावनाओं से भरपूर होना चाहिए।
बच्चे का कमरा घर के पूर्वी हिस्से में होना चाहिए। पूरब विकास की दिशा मानी जाती है। घर के इस हिस्से में बच्चे का कमरा होने से उसकी विकास प्रक्रिया अच्छी रहती है। आपका बच्चा पढ़ाई और जिंदगी के अन्य क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करे, इसके लिए उसके कमरे में थोड़ा बहुत बदलाव लेकर अपेक्षित फल प्राप्त किया जा सकता है :
© पढ़ाई करने के लिए सबसे अच्छी दिशा घर का उत्तरी – पूर्वी हिस्सा होता है। इस दिशा में बैठकर पढ़ाई करने से ज्ञान में वृद्धि होती है, ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है और याददाश्त भी बढ़ती है।
© अगर बच्चे को पढ़ाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो देखें कि कहीं उसके किताब आदि रखने की जगह बेहद बिखरी हुई तो नहीं है? उसके स्टडी टेबल की सफाई करें और वहां कुछ रंग-बिरंगे चित्र लगाएं। वो बेहतर तरीके से पढ़ाई कर पाएगा।
© पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता या स्कॉलरशिप की तलाश है, तो कमरे के पश्चिमी हिस्से में सात रॉड वाला विंडचाइम लगाएं।
© दस वर्ष से कम आयु के बच्चों को पूर्व दिशा में अच्छी नींद आती है। बहुत छोटे बच्चे का पालना भी पूर्व दिशा में ही रखना चाहिए। बच्चे को अच्छी और गहरी नींद आएगी।
© अगर बच्चे कमरा शेयर कर रहे हैं, तो लड़के का बिस्तर कमरे के पूर्वी हिस्से और लड़की का बिस्तर पश्चिमी हिस्से में रखने की कोशिश करें।
© बच्चों का कमरा अकसर बिखरा रहता है और फेंगशुई की दृष्टि से यह अच्छी बात नहीं है। बच्चे में कमरे के सभी सामानों को उनकी तय जगह पर रखने की आदत डालें।