गेस्ट रूम वास्तु टिप्स :
घर हो या ऑफिस गेस्ट रूम को कमतर नहीं आंका जा सकता है । यदि इसकी दिशा और स्थान सही है, तो मेहनत और मेजबान दोनों की मानसिक दशा ठीक रहती है
गेस्ट रूम किसी भी ऑफिस या घर का मुख्य कक्ष होता है । दरअसल यह वह जगह होती है, जहां अतिथि आकर आपसे मिलते हैं या रहते हैं । लेकिन कई बार गेस्ट रूम विवाद की जगह भी बन जाती है । लिहाजा गेस्ट रूम यानी अतिथि कक्ष कहां और किस तरह का बनवाया जाए और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखा जाए, ताकि आने वाले अतिथियों से संबंध मधुर बना रहे, इस बारे में वास्तु शास्त्र में विस्तार से चर्चा की गई है ।
* भारतीय परिवेश में अतिथि को देवता का दर्जा दिया जाता है । इसलिए गेस्ट रूम का निर्माण वायव्य कोण, उत्तर दिशा के मध्य अथवा पश्चिम एवं वायव्य कोण के मध्य स्थान पर करवाना चाहिए । इससे आने वाले गेस्ट से आपके संबंध सौहार्दपूर्ण बने रहेंगे ।
* यदि भवन दो मंजिला या तीन मंजिला हो, तो भूतल पर पश्चिम अथवा उत्तर दिशा में अतिथि कक्ष बनवाना उचित होता है ।
* यदि भूतल पर स्थान उपलब्ध ना हो, तो अतिथि कक्ष को प्रथम तल पर ही बनवाया जाना चाहिए लेकिन इसका स्थान पूर्व दिशा में ही रखना श्रेयस्कर होता है ।
* अतिथि कक्ष का निर्माण आग्नेय, ईशान अथवा नैऋत्य कोण में नहीं करवाना चाहिए । इससे भवन स्वामी तथा परिवार के सदस्य सदैव परेशान एवं अशांत रहते हैं । उन्हें कई तरह की आपदाओं, असफलताओं व रोगों का सामना करना पड़ सकता है ।
* अतिथि गेस्ट रूम में अधिक दिनों तक ना रहे अर्थात वह स्वयं जल्द से जल्द अपने गंतव्य को चला जाए, इसके लिए वायव्य कोण में अतिथि कक्ष बनवाना ठीक माना जाता है ।
* भवन या प्रतिष्ठान के ब्रह्म स्थान अर्थात बीचो-बीच गेस्ट रूम का निर्माण नहीं करना चाहिए । यह अत्यंत कष्टप्रद होता है । इससे परिवार के सभी सदस्यों को मृत्यु तुल्य कष्ट सहना पड़ता है ।
* अतिथि कक्ष का आकार भवन के आकार-प्रकार के अनुसार छोटा-बड़ा रखा जा सकता है । वैसे इसका आकार अतिथियों के संभावित आगमन पर निर्भर करता है ।
* अतिथि कक्ष में आने-जाने का रास्ता अलग से होना चाहिए ताकि परिवार के सदस्यों के क्रियाकलापों में कोई व्यवधान ना हो तथा अतिथि भी स्वयं को स्वतंत्रता एवं सुविधाजनक स्थिति में अनुभव कर सके । गेस्ट रूम का दरवाजा उत्तर-पूर्व की ओर हो, तो पूर्व की ओर खुले और दक्षिण-पूर्व की ओर दरवाजा हो, तो दक्षिण दिशा में खुलना चाहिए ।
वैसे पश्चिम की ओर दरवाजा खुले, तो यह अच्छा माना जाता है ।
* यदि गेस्ट रूम वायव्य कोण में हो, तो उसकी खिड़की आवश्यक रूप से उत्तर-पूर्व कोने में होनी चाहिए । इससे गेस्ट और घर के मालिकों के बीच प्रेम संबंध बने रहते हैं ।
* आप गेस्ट रूम के साथ बाथरूम अटैच रखना चाहते हैं या नहीं, यह पूरी तरह आपकी इच्छा पर निर्भर करता है ।
* अतिथि कक्ष का निर्माण शौचालय, बाथरूम, सीढ़ियों या दुछत्ती के नीचे नहीं करवाना चाहिए ।
* अतिथि कक्ष में पलंग को पश्चिमी दीवार के साथ लगाकर सिरहाना पश्चिम की ओर होना चाहिए । यदि अतिथि ज्यादा आते हो, तो १-२ अन्य पलंग भी अतिथि कक्ष में होने चाहिए ।