बच्चों के कमरे के लिए वास्तु टिप्स, Vastu Tips for Kids Room in hindi

Vastu Tips for Kids Room

पूर्व दिशा में रखें लाडले का कमरा

 
बच्चों का कमरा ऐसा होना चाहिए जहां उनकी कल्पनाशीलता बड़े और क्षमताओं का विकास हो । बच्चों के कमरे में यदि वास्तु सम्मत उपाय किया जाएं, तो इस उद्देश्य में भरपूर सहायता मिल सकती है

बच्चों का कमरा उसे सुरक्षित एवं व्यक्तिगत वातावरण देने के साथ-साथ उसकी कल्पनाओं को पूरा करने का भी स्थान होता है । वास्तु शास्त्र में इस पर विशेष चर्चा की गई है । इसके अनुसार 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे का कमरा यदि पूर्व दिशा में हो, तो उसे इसका यथोचित लाभ मिलता है ।

यहां प्रतिदिन सुबह में उन्हें सूर्य के दर्शन होते हैं और इसका सकारात्मक प्रभाव उन पर पड़ता है । वैसे भी पूर्व दिशा को तरक्की और विकास का केंद्र माना जाता है । यहाँ बच्चे अच्छा स्वास्थ्य और मजबूत दिमाग भी पाते हैं । अगर ऐसे कमरे में वास्तु सम्मत कुछ उपाय कर दिए जाएं, तो उनके लिए कमरा उन्नति का प्रारूप बन सकता है

बच्चों के कमरे के लिए वास्तु सम्मत कुछ उपाय

 
कमरे को पीले रंग से रंगने से बच्चे के जीवन में खुशी आती है । क्योंकि सूर्य भी पीले रंग का होता है, इसलिए पीला रंग इसका घोतक माना जाता है ।

किशोरावय बच्चों के कमरे में उनकी उम्र के हिसाब से ही फर्नीचर रखना चाहिए । अगर उनकी उम्र से बड़े उनकी फर्नीचर होंगे, तो यह उनमें मानसिक असंतुलन ला सकते हैं ।

बिस्तर के ठीक सामने आईना ना रहने दे । वास्तु शास्त्र में आईने को इस स्थान पर रखने की मनाही है और आईना कन्फ्यूजन भी ला सकता है ।

सुनिश्चित करें कि बच्चे के बिस्तर के नीचे किसी भी तरह का सामान ना हो । कमरे की लाइट धीमी हो और उनकी डेली रूटीन में हल्का संगीत भी रखें ।

अगर उनके कमरे में एक धातु का विंड चाइम लटका दें, तो इससे बच्चों को ऊर्जा मिलेगी । अगर बच्चों के कमरे में उनकी आंखों को भाने वाले दृश्य लगाएं, तो इससे उनकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है ।

अगर बच्चा संवेदनशील स्वभाव का है, तो उसके कमरे में या जहां वह सबसे ज्यादा समय बिताता है, नीले रंग को प्रमुखता दे । हरा रंग भी इस्तेमाल किया जाए, तो बच्चे को तनाव मुक्त रहने में मदद मिलेगी ।

पढ़ाई के दौरान उनकी डेस्क को उत्तर-पूर्व कोने में रखें, इससे उनकी बौद्धिक क्षमता बढ़ेगी ।

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