नए घर में प्रवेश से पहले करें वास्तु सम्मत उपाय, तो आपके घर में सुख व संपन्नता स्थाई रूप से निवास करेगी
अगर नए घर में जाने से पहले ही वास्तु सम्मत उपाय कर लिए जाएं और ग्रह दोष दूर कर लिया जाए, तो आपके घर में सुख व संपन्नता स्थाई रूप से निवास करते हैं
जब तक मनुष्य की ग्रह दशा अच्छी रहती है, वह हर तरह के दुष्प्रभाव से बचा रहता है । यही बात वास्तुशास्त्र पर भी लागू होती है । बस अंतर यह है कि वास्तु शास्त्र में सब कुछ आपकी नियंत्रण में होता है, जब की ग्रह दशा को नियंत्रित रखना साधारण मनुष्य के बस की बात नहीं होती ।
वैसे भी वास्तु शास्त्र प्रकृति के नियमों पर आधारित विज्ञान है । इसमें प्राकृतिक तत्वों को जानकर उन शक्तियों के ऊर्जा प्रवाह के अनुकूल घर बना कर या घर की चीजों को व्यवस्थित करके सुख शांति पाई जा सकती है ।
अगर घर में वास्तु दोष हो, तो घर में दरिद्रता, रोग, कलह व अशांति का वातावरण बराबर बना रहता है । आइए जानते हैं कि नए घर को दोषमुक्त कैसे बनाया जा सकता है :
नए घर में वास्तु दोष दूर करने उपाय
* सबसे पहले किसी भी प्रतिष्ठिान, संस्थान अथवा घर को दोषमुक्त बनाने के लिए स्वयं संचालक य मुखिया को वास्तु सम्मत स्थान पर बैठना चाहिए । अगर कोई संस्थान है, तो ऐसी जगह बैठे, जहां से पूरे प्रतिष्ठान पर नजर रखी जा सके । इससे संस्थान उन्नतिशील होगा ।
* भवन या घर में उत्तर तथा पूर्व का अधिक से अधिक भाग खुला छोड़ना धन समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है ।
* घर के प्रवेश द्वार पर हमेशा शुभ मांगलिक प्रतीक चिन्ह (जैसे त्रिशक्ति, स्वास्तिक चिन्ह ) लगाना चाहिए ।
इनमें मुसीबतों को बाहर रोक कर रखने की अद्भुत शक्ति होती है । यह उपाय आजमाकर देखें ।
* नए मकान में गृह प्रवेश पूर्ण शास्त्रोक्त (शास्त्र) के अनुसार विधि से शुभ मास में, शुभ मुहूर्त का चयन करके सामूहिक भोज के साथ किया जाए, तो वह मकान शुभ हो जाता है ।
* मंगल यंत्र के विधिवत पूजन के बाद भवन के दक्षिण दिशा में गाडने से वास्तु दोष प्रभाव कारी नहीं रहता है । मंगल यंत्र केवल तिकोने आकार का तांबे की प्लेट में उभरे अक्षरों से निर्मित होना ही विशेष फलप्रद होता है ।
* कारखाने के मुख्य द्वार के दोनों तरफ शुभ चिन्ह जैसे स्वास्तिक, ओम, क्रॉस लगाने से उन्नति, तरक्की होती है तथा नए माल का ऑर्डर सरलता से मिलता है ।
* शयनकक्ष में पूजा घर कभी नहीं बनाना चाहिए । शयनकक्ष में देवी देवताओं का चित्र लगाना दोष पूर्ण होता है ।
* घर में असली दक्षिणावर्त शंख, पारद शिवलिंग, दक्षिण मुखी गणेश प्रतिमा, प्राण प्रतिष्ठित श्री यंत्र आदि रखे जाएं, तो वास्तु देव इन शक्तियों के अधीन रहते हैं एवं वहां संपन्नता रहती है ।
* आर्थिक संपन्नता के लिए रसोई घर का पर्याप्त चौड़ा होना आवश्यक है ।
* धन लाभ व समृद्धि की कामना सिद्धि के लिए भवन निर्माण का शुभारंभ वैशाख, मृगशिरा, पौस एवं फाल्गुन माह में करना चाहिए ।