जन्म समय के नक्षत्र विशेष से संबंधित वृक्ष पूजन से होती है नक्षत्रों की शांति
प्रत्येक जातक जिस राशि में जन्म लेता है, उस राशि में जन्म समय पर उसका एक निर्धारित नक्षत्र होता है। यह नक्षत्र व्यक्ति की संपूर्ण जीवन को प्रभावित करता है। इसके कारण उसे शुभाशुभ फल भोगने पड़ते हैं। ऐसे में उस नक्षत्र विशेष से संबंधित वृक्षों एवं पौधों की पूजा-अर्चना द्वारा उनकी अशुभता दूर करने का उपाय किया जा सकता है। जैसे कि-
नक्षत्रों से सम्बंधित पेड़ पौधे
1- अश्विनी नक्षत्र में जन्मे जातक प्रतिदिन केले के वृक्ष की जड़ पर जल चढ़ाकर उसकी 11 बार परिक्रमा करें।
2- भरणी नक्षत्र में जन्मे जातक प्रतिदिन कुमकुम और अक्षत से आंवले के वृक्ष की पूजा अर्चना करें तथा भरणी नक्षत्र के दिन आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर अपने इष्टदेव का ध्यान करें।
3- कृतिका नक्षत्र में जन्मे जातक शुक्रवार को गूलर के वृक्ष की पूजा करके उसकी सात बार परिक्रमा करें।
4- रोहिणी नक्षत्र में पैदा होने वाले जातक रोहिणी नक्षत्र के दिन जामुन वृक्ष की जड़ में शक्कर और आटा चढ़ाएं तथा जलार्घ्य दें।
5- मृगशिरा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक प्रत्येक बुधवार को खैर व कत्था के वृक्ष की पूजा अर्चना करें।
6- आद्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक कृष्ण कमल के पौधे को दूर्वा मिश्रित जल अर्पित करें।
7- पुनर्वसु नक्षत्र के जातक प्रतिदिन बबूल की दो तीन पत्तियों का सेवन करें।
8- पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक शनिवार के अतिरिक्त अन्य दिन पीपल के वृक्ष को जल चढ़ा कर उसकी परिक्रमा करें।
9- अश्लेषा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक चंपा के पौधे को जल अर्पित करें।
10- मघा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक बरगद की ऐसी जटा तोड़कर अपने पास रखें जो पृथ्वी का स्पर्श करती हो।
11- पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक सोमवार के दिन अशोक वृक्ष के साथ पत्ते तोड़कर अपने पूजा घर में रखें।
12- उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे जातक शमी के वृक्ष को तिल एवं मिष्ठान अर्पित करें।
13- हस्त नक्षत्र में पैदा होने वाले जातक हस्त नक्षत्र के दिन जूही के पौधे की पत्तियां घर में रखें।
14- चित्रा नक्षत्र में जन्मे जातक बेल की पत्तियों में से शिवजी की पूजा अर्चना करें। साथ ही कुछ पत्तियां अपने पूजा घर में भी रखें।
15- मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक बिल्व वृक्ष को जल चढ़ा कर उसकी परिक्रमा करें।
16- स्वाति नक्षत्र में उत्पन्न होने वाले जातक अर्जुन के वृक्ष की छाल का एक टुकड़ा अपने पास रखें।
17- विशाखा और अनुराधा नक्षत्रों में पैदा होने वाले जातक नागकेसर का पौधा घर में लगाएं व जल मिला दूध चढ़ाएं।
18- ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक ज्येष्ठा नक्षत्र के दिन नीम के वृक्ष को तिल और शक्कर अर्पित करें।
19- पूर्वाषाढ़ा एवं श्रवण नक्षत्र में जन्मे जातक बुधवार को जल में हल्दी मिलाकर सफेद आक की जड़ में चढ़ाएं।
20- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के जातक कटहल के वृक्ष की परिक्रमा करके थोड़ी देर उसके नीचे बैठे।
21- धनिष्ठा नक्षत्र में पैदा होने वाले जातक नारियल के पेड़ को पूजें।
22- शतभिषा नक्षत्र में पैदा होने वाले जातक अपने शयनकक्ष में आम के वृक्ष की एक टहनी रखें तथा इसे जलार्घ्य दें।
23- पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे जातक नित्य अक्षत और कुमकुम से कदंब के वृक्ष की पूजा करें।
24- उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे जातक अपने शयनकक्ष में मेहंदी के फूल रखें।
25- रेवती नक्षत्र के जातक पूर्णिमा को बेर की जड़ में इमरती चढ़ाएं।