देवी मां प्रसन्न तो बनेगा हर काम
जिस तरह सावन का महीना देवाधिदेव भोलेनाथ को समर्पित है और पितृपक्ष में पितरों की प्रति श्रद्धा समर्पित की जाती है। ठीक इसी तरह नवरात्र मां दुर्गा के हर रूप को समर्पित है। यदि आप परेशान हैं, मंजिल पर पहुंच कर आपको निराशा का सामना करना पड़ता है, तो नवरात्रों के दौरान अष्टभुजी मां दुर्गा की शरण लेना फायदेमंद होगा।
आराधना की विधि:
सुबह स्नान आदि करने के बाद प्रथम नवरात्र से इस उपाय पर अमल करना आरंभ करें। सर्वप्रथम मां भगवती के वाहन शेर की मिट्टी, पत्थर या चीनी मिट्टी से बनी प्रतिमा और धूप-दीप, नैवेद्य आदि लेकर मंदिर जाएं। देवी मां की सीधी तरफ यानी दाहिनी ओर के चरण में उनकी सवारी रखें और धूप-दीप जलाकर नैवेद्य अर्पित करें। अब मन ही मन अपनी परेशानी कहें और मां से समाधान की प्रार्थना करें।
अब यह मंत्र कम से कम 3 या 5 या 11 बार माला से जपें :
ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नम:।
नौ दिनों तक एक शेर की आकृति इसी तरह देवी मां के चरणों में अर्पित करें और मंत्र का जाप करते रहें। यदि आप नौ दिनों तक यह उपाय करने में समर्थ नहीं है, तो पहली एवं नौवीं पूजा के दिन ऐसा करें। साथ ही इन दिनों सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। आपको मां भगवती की कृपा शीघ्र ही प्राप्त होगी।